पीएससी, पुलिस भर्ती एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग ब्लाक मुख्यालयों में भी होंगी आरंभ, खनन प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रों के प्राइमरी स्कूल होंगे पूरी तरह अपडेट

-20 लाख रुपए की लागत से मैथिलीशरण गुप्त वाचनालय का होगा रिनोवेशन, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए होगा शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर
-डीएमएफ की बैठक में 41 करोड़ रुपए के प्रस्ताव रखे गये, खनन प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रों में 23 करोड़ 60 लाख रुपए के कामों के प्रस्ताव
दुर्ग / पीएससी एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग ब्लाक मुख्यालयों में भी होगी। जिला मुख्यालय में चल रही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रतिभागियों के अच्छे रिस्पांस के चलते यह निर्णय डीएमएफ की बैठक में लिया गया। डीएमएफ की शासी परिषद की अध्यक्षता करते हुए
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा कि डीएमएफ के माध्यम से शैक्षणिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। इसके माध्यम से ब्लाक मुख्यालयों में पीएससी एवं स्नातक स्तर पर होने वाली अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ ही नीट और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी भी कराने का प्रस्ताव रखा गया है।
साथ ही लाइब्रेरी का इंफ्रास्ट्रक्चर भी बेहतर किया जाएगा। जिला मुख्यालय में स्थित मैथिलीशरण गुप्त वाचनालय का रेनोवेशन किया जाएगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए यहां विशेष रूप से किताबें और मटेरियल रखे जाएंगे तथा लगभग पचास विद्यार्थियों के पढ़ने की सुविधा भी होगी।
खनन प्रभावित क्षेत्रों के 13 स्कूलों में डिजिटल क्लासरूम साल्यूशंस स्थापित किये जाएंगे ताकि डिजिटली मोड में भी पढ़ने की और इस तरह से अनूठे तरीके से बच्चों को सिखाने की व्यवस्था हो सके। 25 खनन प्रभावित विद्यालयों में टीएमएल लैब स्थापित किये जाएंगे।
खनन प्रभावित 92 गांवों के प्राइमरी स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर किया जाएगा तथा यहां हर संभव सुविधाएं दी जाएंगी। बैठक में 41 करोड़ 73 लाख रुपए के प्रस्ताव रखे गये। इनमें 23 करोड़ 60 लाख रुपए के प्रस्ताव खनन से प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रों एवं 18 करोड़ 13 लाख रुपए खनन से अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों के लिए रखे गये।
आज की बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शालिनी रिवेंद्र यादव, अपर कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना, जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। गौठानों में जैम, जेली, कैचअप आदि के यूनिट बनेंगे, गुलाब अर्क, गो मूत्र अर्क, तुलसी अर्क आदि का होगा उत्पादन- बैठक में गौठानों में आजीविकामूलक गतिविधियों को भी विस्तारित करने के लिए प्रस्ताव रखे गये।
इनमें गौठान में गुलाब अर्क, तुलसी अर्क, गौमूत्र अर्क आदि निर्माण कार्य करने का प्रस्ताव रखा गया। गोबर से निर्मित धूप अगरबत्ती, धूप स्टैंड आदि के प्रस्ताव भी रखे गये। जैम, जैली, केचअप निर्माण हेतु फूड प्रोसेसिंग यूनिट का भी प्रस्ताव रखा गया। कृषि संबंधी स्प्रिंकलर आदि के प्रस्ताव भी रखे गये।
मत्स्य पालन को बढ़ावा देने परिपूरक आहार वितरण, जाल वितरण आदि का प्रस्ताव भी रखा गया। सामुदायिक बाड़ी में संलग्न 2000 हितग्राही कृषकों को सोलर लाइट वितरण का निर्णय लिया गया। खिलोराकला में केले के तने से रेशा उत्पादन ईकाई प्रस्तावित की गई।
थनौद, कोलिहापुरी, चंगोरी आदि में एसएचजी को मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। कुपोषित बच्चों एवं शिशुवती माताओं के गर्म भोजन के लिए 1 करोड़ 8 लाख रुपए- डीएमएफ की बैठक में सुपोषण के लक्ष्य को लेकर कुपोषित बच्चों एवं शिशुवती माताओं को आंगनबाड़ी में गर्म भोजन देने का प्रस्ताव रखा गया। इसकी लागत एक करोड़ 8 लाख रुपए होगी।
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