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महापौर ने जनता से की अपील गोबर से तैयार कंडे एवं लकड़ी की जलाए होली:

पुलगांव नाला के पास जलाराम वाटिका के बाजू में  SLRM सेंटर में गोबर से बने कंडे एवं लकड़ी उपलब्ध है:

दुर्गं / नगर पालिक निगम महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त हरेश मंडावी ने होली के मौके को शहरवासियों के लिए खास बनाने व वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के उद्देश्य से शहरवासियों से अपील की है

कि गोबर बने कंडे की होलिका जलाने के लिए नगर पालिक निगम प्रेरित कर रहा है। गोबर से बने कंडे की होलिका दहन हमारे वातावरण के लिए काफी लाभदायक है।

एक पहल महापौर ने कहा कि गाय के गोबर से तैयार किए गए कंडे व लकड़ी दोनों 4 से 5 घंटे में जलकर ठंडा हो जाते हैं। साथ ही इन लकड़ी व कंडों से निकली राख कई मायनों में वातावरण के लिए लाभकारी है। अधिक से अधिक गोबर कंडे का उपयोग हो,

गोबर के कंडे पुलगांव नाला के पास जलाराम वाटिका के बाजू एसएलआरएम SLRM सेंटर में लेने के लिए सरलता से आपको उपलब्ध हो जाएगा। और जो मेहनत से गोबर के कन्डे की लकड़ी बना रहे है उनका बिक्री भी हो जाएगा।महापौर ने कहा कि अधिक से अधिक होलिकाएं कंडे की लकड़ी ही जलें।

बचाए जा सकेंगे हरे भरे पेड़, कंडे की लकड़ी से होलिका दहन न केवल वायु प्रदुषण को नियंत्रित करने में लाभ दायक है, बल्कि पेड़ों की कटाई की दृष्टि से भी बेहद खास है। गोबर के कंडे की लकड़ी का होलिका दहन  जितनी अधिक संख्या में शहरवासी उपयोग करेंगे,

उतने ही पेड़ों को कटने से बचाए जा सकेगा। क्योंकि होली के मौके पर मोहल्ले-मोहल्ले में होलिका दहन किया जाता है। इसमें हजारों टन लकड़ी जलती है। लकडिय़ों से निकलने वाला धुआं भी पर्यावरण के लिए हानिकारक होता है।

उन्होंने ने लोगों से अपील की कि पर्यावरण का ख्याल रखते हुए गोबर के कांडा व कपूर से होलिका दहन किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पानी बहुत अमूल्य है, इसलिए होली पर इसे बर्बाद न करें।

कोशिश करें कि होली सूखे रंगो व अबीर-गुलाल से हो। साथ ही ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए लाउड स्पीकर की आवाज को कम रखें, ताकि किसी को परेशान न हो।

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