हमारी परंपरा में कहा गया है शक्ति रूपेण संस्थिता, आप सभी महिलाएं शक्ति की प्रतीक
दुर्ग / यदि हम सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं के आंकड़ों को देखें तो पाएंगे कि लगातार महिलाएं हर क्षेत्र में सशक्त हुई है और उन्होंने अधिकाधिक संख्या में अपना स्थान सार्वजनिक क्षेत्र में बनाया है। पहले एक या दो राज्यों की गवर्नर ही महिलाएं होती थी, अभी 29 राज्यों में से 8 राज्यों की गवर्नर महिला है।
इससे पता चलता है कि महिलाएं इन बरसों में कितनी सशक्त हुई हैं। यह बात रुंगटा कॉलेज परिसर में आयोजित अतुल्य शक्ति आयोजन में राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने कही। राज्यपाल ने इस मौके पर कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी रही है। बस्तर की एक बेटी तो एवरेस्ट पर फतह करने में भी सफल हुई है।
उसकी शिखर सफलता बताती है कि महिलाएं किसी मोर्चे में पीछे नहीं। राजभवन के अपने अनुभव साझा करते हुए राज्यपाल ने बताया कि बीते दिनों पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड की बहन जो दिव्यांग है उनसे मिलने आई। वो 65 वर्ष की हैं और पिछले कुछ वर्षों से व्हीलचेयर में है।
इसके बावजूद उनके हौसले में कोई कमी नहीं है मैंने उनके चित्र देखें इतनी खूबसूरत चित्र उन्होंने बनाए हैं। इससे मुझे लगा कि प्रतिभा और कौशल से हम हर बड़ी कठिनाई को पार कर सकते हैं। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि हमारी श्लोकों में शक्ति रूपेण संस्थिता का जिक्र आया है।
नारी को शक्ति कहा गया है तो नारी अपने आप में शक्ति ही है, बस हमें यह करना है कि अपनी शक्तियों को पहचानना है। आप अपनी शक्तियों को पहचानिए, आप सार्वजनिक जीवन में हर संभव मुकाम हासिल कर पाएंगी। इसके साथ ही आप अपने साथ की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करिए।
उन्हें मंजिल को प्राप्त करने में मदद कीजिए। महिलाओं के पास अपार शक्ति है। बस एक प्रेरणा और प्रोत्साहन की जरूरत है। यह प्रोत्साहन उन्हें परिवार से मिलेगा, समाज से मिलेगा तो उन्हें कोई भी ताकत पीछे नहीं रोक सकती। राज्यपाल ने सार्वजनिक जीवन में काम कर रही महिलाओं का जिक्र करते हुए ।
कहा कि सभी ने कड़ी मेहनत से अपना मुकाम बनाया है ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जिसमें महिलाएं अपना हुनर नहीं दिखा सकती हो। इस मौके पर राज्यपाल ने विविध क्षेत्रों में कार्य कर रही महिलाओं को सम्मानित भी किया। इस दौरान महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक भी मौजूद थी।
उन्होंने कहा कि मुझे कभी नहीं लगा कि महिला को सशक्त करने की जरूरत है। महिला हमेशा से सशक्त रही है। बस उसे याद दिलाने की जरूरत है। अपनी शक्तियों के बारे में बताने की जरूरत है ताकि वह अपने संकल्पों को पूरा करने में पूरी तरह से जुट जाए। इस दौरान क्षितिज चंद्राकर ने भी अपना संबोधन दिया।
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम महिलाओं के योगदान को याद करें, यह बहुत आवश्यक है लेकिन इसके साथ यह भी जरूरी है कि हम हर दिन ऐसी भावना रखें। अपने घर में महिलाओं को पूरा सम्मान दें, यह सबसे जरूरी बात है। इस दौरान भिलाई महापौर नीरज पाल, मुकेश चंद्राकर, संतोष रुंगटा, आई पी मिश्रा सहित अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद थे।
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