वैश्विक महामारी कोरोना से वर्तमान में पूरा देश लड़ाई लड़ रहा है। शासन प्रशासन को भी व्यवस्था निर्मित करने मे पसीने छूट रहे हैं, लोगों की कोरोना के भय से मृत्यु तक हो रही है, वहीं कोरोना को हराने के कुछ ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जो प्रेरणास्पद होने के साथ राहत देने वाले भी हैं। एक ऐसे ही 92 वर्षीय बुजुर्ग दादी ने कोरोना को मात देकर लोगों के मन में नई उम्मीद जगा दी है। उन्हें शुक्रवार को जामुल स्थित प्यारे श्री राधा कृष्ण संस्कार मंच के निःशुल्क कोविड केयर सेंटर से छुट्टी दी गई तो संस्था ने उनका ढोल- नंगाड़ो व तालियों से स्वागत किया ।
जानकारी के अनुसार जामुल नगर के वार्ड क्रमांक 01 निवासी सदाराम साहू कोरोना संक्रमित हो गए, देखते ही देखते उनकी 92 वर्षीय माँ तीजबती साहू ने भी भोजन इत्यादि त्याग दिया, जिसके पश्चात 92 वर्षीय तीजबती की तबियत तेजी से बिगड़ने लगी, लगातार अस्वस्थता के चलते परिवार ने 20 अप्रैल को उनका आरटीपीसीआर जांच कराया, जिसमें 24 अप्रैल को उनका कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आया।
तब एक ओर पुत्र पहले से ही अस्पताल में भर्ती वहीं दूसरी ओर तीजबती के भी कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि होने से परिवार भयभीत हो गया मानो जैसे उन पर संकटों का पहाड़ टूट पड़ा हो, ऐसे में तीजबती का ध्यान रख पाना बेहद कठिन कार्य था, इतनी अधिक उम्र व कोरोना के चलते उनका आक्सीजन लेवल भी काफी तेजी से गिर रहा था,उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी , बुजुर्ग दादी के घर पर रहने से चौथी पीढ़ी के परनाती पोतों में भी संक्रमण का भय सताने लगा था, अत्यधिक अस्वस्थ हो जाने पर 92 वर्षीय तीजबती के नाती दिनेश साहू अपनी दादी को लेकर प्यारे श्री राधा कृष्ण संस्कार मंच के निःशुल्क कोविड केयर सेंटर जामुल पहुंचे, जहाँ स्क्रीनिंग के दौरान 92 वर्षीय तीजबती साहू का आक्सीजन लेवल 74 था, सीटी स्कोर 14/25, शुगर लेवल हाई व ब्लड प्रेशर लो था।
दादी बातचीत करने की स्थिति में नहीं थी, उन्हें तत्काल भर्ती कर डाक्टरों ने उन्हें तुरंत आक्सीजन देने का निर्देश दिया, साथ ही संस्था के संयोजक ईश्वर उपाध्याय व डाक्टरों की टीम की तत्काल आपात बैठक बुलाई गई जिसमें संस्था के सदस्य व मेडिकल स्टाफ के सभी सदस्य मौजूद थे,बैठक मे इसे स्पेशल केस मान कर डाक्टरों की टीम से सीनियर डाॅ शाहिद अनवर, नर्सिंग स्टाफ से सरोजनी वर्मा, प्रीती सुधा,देवहूती जैन, यामिनी और अटेंडर में सीनियर नागेश सिन्हा, मनीष वर्मा, लीलानाथ प्राजुली, पारस विश्वकर्मा सहित संस्था कि ओर से संजय गुरूपंच, उमेश कुमार निर्मलकर व विकास मिश्रा की टीम गठित कि गई, जिनके विशेष देख-रेख में दादी तीजबती साहू का इलाज होना था, सभी के बेहतर समन्वय व दादी के जीवटता के परिणाम स्वरूप बारह दिनों के इलाज के पश्चात आखिरकार दादी स्वस्थ हो कर अपने घर लौट गई। घर वाले भी छोड़ चुके थे उम्मीद उनका मानना था कि दादी तीजबती की स्थिति अंतिम चरण में है और उनका स्वस्थ होना किसी चमत्कार से कम नही हैं ,दादी के स्वस्थ होकर घर पहुंचने से घर खुशी का माहौल है।
दादी का बेहतर इलाज व बेहतर देखरेख हमारी जिम्मेदारी थी, इन्हें हम स्पेशल केस के रूप में मान कर इलाज कर रहे थे, इनका स्वस्थ होना बहुतों को प्रेरणा देगा।” डाॅ शाहिद अनवर
संस्था के संयोजक ईश्वर उपाध्याय व युवराज वैष्णव लगातार लेते थे दादी के स्वास्थ की जानकारी, ईश्वर ने अपने हाथों से खिलाया खाना व युवराज हाथ पकड़ टहलाते थे।
दादी के छुट्टी के समय जहीर खान,जोगेश्वर सोनी,रमेश साहू, युवराज वैष्णव,विनय साहू,अभिषेक शर्मा,संजय गुरूपंच,उमेश निर्मलकर,करन साहू,विकास मिश्रा,गौरव यादव,सरबजीत सिंग,रूपेश यादव,नीतीश चौधरी,जागर प्रधान,दीपक साहू ,पूरण चौहान,हरेमंगल देवांगन,अमन नारंग,दीपक मिश्रा,कौशल देशलहरे,पुनीत साहू,मनहरण बंजारे,बादल यादव,दानेश्वर सोनवानी,मनीष गुप्ता,गौरव उमरे, राहुल निर्मलकर, धनंजय शर्मा,मोहम्मद अली,ईश्वर उपाध्याय, आनंद ओझा आदि मौजूद थे।