
दुर्ग / दुर्ग जिले के ग्राम धनोरा में रहने वाली वरुणी साहू एक आम गृहिणी हैं। उनका परिवार काफी बड़ा है, और बड़े परिवार के साथ बिजली का बिल भी बड़ा ही आता था। वरुणी जी बताती हैं कि हर महीने आने वाला भारी-भरकम बिजली का बिल उनके घर के बजट पर एक बड़ा बोझ था। उनकी चिंता जायज थी, आखिर इतनी बिजली की खपत का खर्च उठाना किसी के लिए भी आसान नहीं होता।
वरुणी जी को कहीं से ’’प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’’ के बारे में पता चला। यह योजना उन जैसे लाखों परिवारों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर आई है, जो बिजली के बढ़ते खर्च से परेशान हैं। बिना देर किए, उन्होंने इस योजना के तहत अपने घर की छत पर रूफ टॉप सोलर पैनल लगवाने का फैसला किया। जनवरी 2025 में यह सपना साकार हुआ और उनके घर की छत पर सूरज की रोशनी को बिजली में बदलने वाले पैनल स्थापित हो गए।
सोलर पैनल लगने के बाद वरुणी जी के घर का बिजली का बिल लगभग आधा हो गया है। पहले जहां उन्हें पूरी बिजली के लिए भुगतान करना पड़ता था, अब तस्वीर बदल चुकी है। उन्होंने बताया कि इस माह उनके यहाँ कुल 2662 यूनिट बिजली की खपत हुई, उनके सोलर पैनल से 1283 यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ। जिससे अब उन्हें केवल शेष 1379 यूनिट बिजली का ही भुगतान करना होगा।
न्होंने कहा यह मेरे लिए सिर्फ पैसों की बचत नहीं, बल्कि एक नई आज़ादी है। 2.5 लाख रुपये की लागत से लगे इस सोलर पैनल के लिए उन्हें सरकार से 78 हज़ार रुपये की सब्सिडी भी मिली है, जिससे यह निवेश उनके लिए और भी आसान हो गया। वरुणी साहू जैसी गृहणियों की कहानियां हमें बताती हैं कि कैसे एक छोटी सी जानकारी और सही समय पर लिया गया फैसला बड़े बदलाव ला सकता है।
’’प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’’ सिर्फ बिजली का बिल कम करने की योजना नहीं है, यह परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने और पर्यावरण को बचाने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। वरुणी जी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि इस योजना ने उनके जीवन में सचमुच रोशनी भर दी है। उनकी यह कहानी सभी गृहणियों के लिए एक प्रेरणा है।
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