छत्तीसगढ़दुर्गभिलाई

महिला कर्मचारियों के दल ने मुग्दा टॉप ट्रैकिंग सफलतापूर्वक पूर्ण की….

टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) द्वारा आयोजित उत्तरकाशी के मुग्दा टॉप की 11,000 फीट ऊंची चोटी को फतह करने के अभियान में टाटा स्टील की 6 महिलाओं के समूह के साथ सेल के विभिन्न संयंत्रों की 16 महिला कर्मचारियों के दल ने भाग लिया।

इन महिला कर्मचारियों के दल ने बर्फीले पहाड़ों और पैरों को जमा देने वाले तापमान के बीच दृढ़ संकल्पित होकर शिखर तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की।

‘मुग्दा टॉप’ उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गढ़वाल हिमालय में स्थित एक ट्रैकिंग गंतव्य है। यह यात्रियों को आसपास की हिमालयी चोटियों के मनोरम दृश्य प्रदान करता है। मुक्ता टॉप मुख्य रूप से एक ऑफबीट, लेकिन सुलभ, ट्रैकिंग मार्ग के रूप में जाना जाता है।

4 मार्च से 10 मार्च, 2025 तक चलने वाले इस ट्रैकिंग अभियान में सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और नेतृत्व विकास पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया। अभियान की शुरूआत काफ़्लोन बेस कैंप से हुई, प्रतिभागियों को लघु हिमालय से होते हुए माउंट एवरेस्ट की आधी ऊँचाई के बराबर औसत ऊँचाई पर ट्रेकिंग करनी पड़ी।

न्यूनतम संसाधनों के साथ, इस कठिन टैªक को तय करने के लिए न केवल साहस और धैर्य, बल्कि शारीरिक और मानसिक फिटनेस की भी आवश्यकता थी। महिलाओं के ट्रैकिंग दल का मार्गदर्शन पर्वतारोही सुश्री अस्मिता दोरजी ने किया।

टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के तहत आयोजित इस ट्रैक इवेंट में सेल ने अपने आउटबाउंड लीडरशिप प्रशिक्षण के हिस्से के तहत भिलाई इस्पात संयंत्र, बोकारो, राउरकेला, दुर्गापुर और बर्नपुर स्टील प्लांट से महिलाओं को भेजा था। इस अभियान में भिलाई इस्पात संयंत्र की तीन महिलाएं डॉ माला चौधरी (चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं), सुश्री फिलोमिना एक्का (रिफ्रेक्ट्री इंजीनियरिंग विभाग) और सुश्री श्वेतांगिनी पंडा (दल्ली माइंस) शामिल थीं।

मुग्दा टॉप ट्रैकिंग सफलतापूर्वक पूर्ण करने के साथ ही महिला दल को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला सुश्री बछेंद्री पाल के साथ बातचीत करने का अवसर प्राप्त हुआ।

महिलाओं के ट्रैकिंग दल ने अदम्य साहस, दृढ़ संकल्प और विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखकर कभी हार न मानने की संकल्पषक्ति का परिचय दिया है, जो लैंगिक रूढ़ियों को तोड़कर, महिलाओं की असीम क्षमताओं को उजागर करता है।

भिलाई इस्पात संयंत्र, अपने 2025 के विजन के अनुरूप, इथिकल स्टील उत्पादन में सफलता के लिए चार स्तंभों सुरक्षा, हाउसकीपिंग, तकनीकी अनुशासन और खुशी पर ध्यान केंद्रित कर कार्य कर रहा है।

इस प्रकार के आयोजन का उद्देश्य महिला कर्मचारियों में नेतृत्व के गुणों को विकसित करना और उनकी विभिन्न कर्तव्यों से बंधी जिंदगी में एक ब्रेक लाना है।

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