भिलाई / आईआईटी भिलाई में संस्कृति, भाषा और परंपरा केंद्र (सीसीएलटी) ने सोमवार, 25 नवंबर 2024 को जनजातीय गौरव वर्ष समारोह के एकभाग के रूप में जनजातीय नायकों पर एक प्रदर्शनी और “भारत के जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी” शीर्षक पर एक व्याख्यान का आयोजन किया।
जनजातीय गौरव वर्ष महान आदिवासी नायक भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य पर मनाया जाता है। आईआईटी भिलाई नवंबर 2024 से नवंबर 2025 तक व्याख्यान, प्रदर्शनी और पैनल डिसकसन की एक व्यापक श्रृंखला के माध्यम से जनजातीय गौरव वर्ष मनाएगा।
इस प्रदर्शनी का उद्घाटन आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने संस्थान के लेक्चर हॉल परिसर में किया। यह प्रदर्शनी विशेष रूप से जनजातीय समुदाय की महिला मार्गदर्शकों पर केंद्रित है और इसे छात्रों को इस विषय में सक्रिय रुचि लेने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
इस अवसर पर पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के इतिहास अध्ययन संकाय के डॉ. डी.एन. खुटे ने व्याख्यान दिया। डॉ. खुटे ने उपनिवेशवाद विरोधी प्रतिरोधों और स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समुदायों के योगदान पर प्रकाश डाला।उन्होंने अठारहवीं शताब्दी से औपनिवेशिक शासन के खिलाफ आदिवासी समुदायों द्वारा किए गए।
विभिन्न विद्रोहों को सूचीबद्ध किया और इस क्षेत्र में मौजूदा इतिहासलेखन पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता पर टिप्पणी की। आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने व्याख्यान में अपनी उपस्थिति से इसकी शोभा बढ़ाई और विशेष रूप से छत्तीसगढ़ और पूरे भारत के आदिवासी समुदायों के कल्याण और उत्थान के लिए काम करने के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में जनजातीय समुदायों के योगदान को सामने लाने के लिए किए जा रहे विद्वतापूर्ण प्रयासों की सराहना की और छात्रों से जनजातीय समुदायों के दूरदर्शी लोगों से शिक्षा और मूल्यों को आत्मसात करने का आग्रह किया। इस कार्यक्रम में संस्थान के छात्र, संकाय सदस्य और कर्मचारीगण शामिल हुए।
दुर्ग स्थित पीएम केवी स्कूल के चुनिंदा छात्रों ने भी व्याख्यान में भाग लिया। आईआईटी भिलाई स्थित संस्कृति, भाषा और परंपरा केंद्र (सीसीएलटी) शैक्षणिक समुदाय के सदस्यों के लिए सामाजिक-सांस्कृतिक महत्व के विषयों पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन जारी रखेगा।
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