दुर्ग। नाबालिग के दुष्कर्म के मामले में दोषी युवक को न्यायालय ने 20 वर्ष सश्रम कारावास और दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। घटना खुर्सीपार थाना क्षेत्र में हुई थी। प्रकरण के मुताबिक प्रार्थी के 16 वर्ष की लड़की 10 अप्रैल 2022 को दोपहर तीन बजे काम पर जाने घर से निकली, लेकिन देर रात तक वापस नहीं लौटी। इस पर खुर्सीपार थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने धारा 363 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की।
विवेचना के दौरान पुलिस ने नाबालिग को धरसींवा थाना अंतर्गत ग्राम कुंरा निवासी आरोपित राजू बारले (22) के कब्जे से बरामद किया। पूछताछ पर पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपित के साथ उसकी जान पहचान इंस्टाग्राम से हुई थी। आरोपित शादी का प्रलोभन देकर उसे बहला फुसलाकर रायपुर के एक होटल में ले आया और उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया।
इसके बाद उसे अपने गांव कुंरा ले जाकर घर के पूजा स्थल के पास उसके गले में मंगलसूत्र पहनाया और मांग में सिंदूर भरकर कहा कि हमारी शादी हो गई। पीड़िता के मना करने के बाद भी आरोपित उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। पुलिस ने इस मामले में आरोपित राजू बारले के खिलाफ धारा 366, 376 (2) (ढ) व धारा 4, 6 पाक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण सुनवाई के लिए अपर सत्र न्यायाधीश सरिता दास के न्यायालय में प्रस्तुत किया।
न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई के बाद आरोपित राजू बारले को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के धारा 5 (ठ) के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास और दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। धारा 376 (3) के तहत भी आरोपित दो 20 वर्ष सश्रम कारावास और दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। न्यायालय में सुनवाई के दौरान शासन की ओर से प्रकरण की पैरवी विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने किया।
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