Breaking News कवर्धा में 35 संगठन ने बाहरी तत्वों को ठहराया जिम्मेदार, तनावपूर्ण माहौल, उपद्रव और तोड़फोड़ करने के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास…
Breaking News कवर्धा। कबीरधाम जिला प्रशासन ने कलेक्ट्रेट में सर्व धर्म शांति सभा की बुलाई थी. इस बैठक में 35 संगठन के लोगों ने शहर में दंगा औऱ माहौल को गरमाने पर बाहरी तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है. सर्व धर्म समाज प्रमुखों ने दंगाईयों की एक सुर में विरोध किया और कड़ी निंदा की है.
गौरतलब है कि इस पूरे घटना को लेकर दुर्ग रेंज आई विवेकानंद सिन्हा ने कहा था कि ‘कवर्धा में भाजपा ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन का ज्ञापन दिया था, लेकिन अचानक उन्होंने भीड़ इकट्ठा कर ली. बीजेपी ने लोगों को बाहर से बुलाई और माहौल को खराब किया. IG ने कहा था कि ये सुनियोजित तरीके से अस्थिरता फैलाने की साज़िश थी. रायपुर, राजनांदगांव, धमतरी, मुंगेली, बेमेतरा से लोगों को बुलाया गया था’.
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में आज गुरूवार को सर्व समाज प्रमुखों कवर्धा चेंबर ऑफ कामर्स, व्यापारी संगठन की बैठक आयोजित की गई. बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा, पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग और सर्व समाज प्रमुख, व्यापारी संगठन और मीडिया प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में एक संगठन द्वारा 5 अक्टूबर को आयोजित रैली, चक्काजाम के बाद कवर्धा शहर के विभिन्न वार्डो में हुए उपद्रव, तोड़फोड़ उग्र प्रर्दशन शहर में शांति और सामाजिक सौहार्द खराब करने की घटना की आज सर्व समाज ने कड़ी निंदा की है.
सामाज प्रमुखों द्वारा एक संगठन द्वारा आयोजित रैली व चक्काजाम और कवर्धा में उपद्रव, तोड़फोड़ उग्र प्रर्दशन के लिए अलग-अलग जिलों से आए उपद्रवियों की घोर निंदा की. कलेक्टर एवं एसपी ने कवर्धा में घटित दो पक्षों के विवाद से लेकर अब तक की पूरे घटना क्रम और दोषियों के विरूद्ध हो रही कार्रवाई की विस्तार से जानकारी दी. बैठक में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, नगर पालिका अध्यक्ष और सर्व समाज प्रमुखों द्वारा शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.
कवर्धा शहर में अमन एवं शांति व्यवस्था पुनः स्थापित करने और कर्फ्यू में धीरे-धीरे शिथिलता लाने की ओर सर्व समाज ने अपना कदम बढ़ा दिया है. शहर में शांति, सदभावना, आपसी प्रेम भाईचारा और सामाजिक एकता का संदेश देने के लिए दो प्रमुख निर्णय लिया गया है. पहला निर्णय के अनुसार शुक्रवार 8 अक्टूबर को सर्व समाज प्रमुखों, जिला प्रशासन,व्यापारी संगठन और मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा शांति मार्च का आयोजन किया जाएगा.
वहीं दूसरे निर्णय के अनुसार इस घटना में शामिल दो पक्षों को समझाने तथा भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए कवर्धा नगर पालिका के 27 वार्डों के लिए अलग-अलग 9 प्रतिनिधि मंडल का गठन किया जाएगा. इस प्रतिनिधि मंडल में विभिन्न समाज प्रमुख, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के अधिकारी शामिल होंगे. प्रतिनिधि मंडल वार्डो में जाकर दोनो पक्षों को समझाइश और पुनः शांति व्यवस्था बनाने की पहल की जाएगी, जिससे की निकट में आने वाले नवरात्र, दशहरा पर्व, उर्स पर्व से पहले कवर्धा में लगे धारा 144, कर्फ्यू को शिथिल करने की कार्यवाही की जा सके.
कवर्धा शहर में अमन एवं शांति व्यवस्था पुनः स्थापित करने के लिए आयोजित सर्व समाज प्रमुखों के इस बैठक में ब्राम्हण समाज के अध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद चौबे ने कहा कि कवर्धा में घटित घटना घोर निंदा करते हुए कहा कि कवर्धा शहर मंे सर्वधर्म के लोग आपसी सद्भावना के साथ निवास करते हैं, लेकिन आज तक इस तरह की उपद्रव और आपसी सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाली घटना घटित नहीं हुई है. जैसा कि बताया जा रहा है इस घटना को अंजाम देने के लिए अलग-अलग जिलों से आए थे. यह निदंनीय है. अब सभी समाज को मिलकर पुनः शांति स्थापित के लिए काम करना होगा.
नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा ने इस घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि दो पक्षों में हुए वाद विवाद को जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित शांति समिति के बैठक में सर्व समाज प्रमुखों की उपस्थिति में सुलझा लिया गया था,लेकिन कवर्धा में लगे धारा 144 के बाद भी एक संगठन द्वारा 5 अक्टूबर को रैली, चक्काजाम और विभिन्न वार्डो में सामाजिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने के लिए जो उपद्रव किया गया है यह एक सुनियोजित षडयंत्र का हिस्सा है.
जैन समाज के अध्यक्ष राजेन्द्र बोथरा ने इस घटना में शामिल सभी उपद्रवियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है. ठाकुर समाज के अध्यक्ष नरेश सिंह ठाकुर ने कहा कि इस घटना को समाज की अखंडता और एकता को देखते हुए जिला प्रशासन को निश्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि कवर्धा में आपसी भाईचारा और सामाजिक सौहार्द कायम है. हमारे समाज ने इस घटना को रोकने की पुर जोर से कोशिश की और वार्डवासियों को सुरक्षित रखने का काम किया गया.
अग्रवाल समाज से कन्हैया अग्रवाल ने कहा कि इस घटना की शुरूआत से लेकर 5 अक्टूबर को हुए घटना की कड़ी निंदा करते हुए इस हिंसात्मक हमले में शामिल दोनो पक्षों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए. मुस्लिम समाज के अध्यक्ष सलीम गौरी ने बताया कि इस घटना के बाद सब के मन में पीड़ा है और वेदना है. जीवन के लिए शांति ही सबकुछ है. हमें आक्रोश से बचाना है और शांति का सरोवर बनना है, ताकि समाज में उबजे उग्रता को शांत कर सके. हमे सत्य और अंहिसा के मार्ग पर चलना चाहिए. मनुष्य सबसे सुंदर प्राणी है, जिसमें बुद्धि, हसने और बोलने की अलौकिक शक्तियां है। हमे एक जुटता के साथ मानव धर्म आपसी भाईचारा, सामाजिक सौहार्द को लेकर एकता का संदेश देना चाहिए.
चेंबर ऑफ कार्मस के आकश आहुजा, दिनेश जैन ने बैठक में आम लोगों की सुविधा के लिए रोजमर्रा से जुड़े दैनिक उपयोगी, समानों की उपलब्धता के लिए व्यापारिक वर्ग को छुट देने की मांग की है. अकबर कुरैशी ने कहा कि शहर में बाहरी लोग भारी संख्या में यहा निवासी बन रहे है. ऐसे लोगों की पहचान करना चाहिए. उन्होंने घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि काई भी विवाद एक पक्ष से शुरू नहीं होता, ताली दोनो हाथों से बजती है. हमें दोनो पक्षों को आपस में समझाकर शांति का मार्ग ढूढंना होगा, ताकि पुनः आपसी भाईचारा और संप्रादायिक एकता स्थापित हो सके.
बैठक में गुप्ता समाज के अध्यक्ष सीताचरण गुप्ता, सिक्ख समाज के अध्यक्ष दलजीत पाहुजा, इसाई समाज के अध्यक्ष, पटेल समाज के अध्यक्ष सीताराम पटेल, आदिवासी समाज के अध्यक्ष दयाराम, यादव समाज के अध्यक्ष राकेश यदु, देवागंन समाज के अध्यक्ष नरेन्द्र देवांगन, कलार समाज के अध्यक्ष रूपेन्द्र जायसवाल, कबीरपंथ से प्रवीण शर्मा, पाली समाज के अध्यक्ष नूतन पाली के अलावा बैठक में जिला प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रकाश वर्मा, लालजी चंद्रवंशी, नीलकंठ साहू, रामभजन झारिया, संतोष नामदेव, दीपक केसरी, सुरेन्द्र पाहुजा, चंद्रशेखर शर्मा, पृथ्वी सोनी,तुकाराम चंद्रवंशी, श्री राजकुमार तिवारी सहित अन्य समाज प्रमुखों ने भी अपने अपने सुझाव दिए.
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