रायपुर। माननीय श्रम न्यायालय रायपुर ने बिजलीकर्मियों के संगठन छत्तीसगढ़ पॉवर कंपनीज अधिकारी-कर्मचारी ओपीएस बहाली संयुक्त मोर्चा की प्रस्तावित 18 अगस्त के सामूहिक अवकाश सत्याग्रह को अवैध घोषित कर दिया है। श्रम न्यायालय ने आज 17 अगस्त को जारी आदेश में कहा है कि प्रस्तावित 18 अगस्त की हड़ताल से जनहित प्रभावित होने की आशंका होने के कारण अवैध घोषित किया जाता है। कर्मचारी-अधिकारी किसी भी हड़ताल सत्याग्रह में शामिल न हों।
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) एके वर्मा ने बताया कि श्रम न्यायालय – 01 के माननीय न्यायाधीश एसएल मात्रे के कोर्ट में फेडरेशन एवं 7 कर्मचारी संगठनों के 18 अगस्त को सामूहिक अवकाश हड़ताल पर स्थगन देने की अपील की गई थी। कंपनी ने छत्तीसगढ़ औद्योगिक संगठन अधिनियम 1960 की धारा 167 सहपठित धारा 64 ए तहत वाद प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि प्रस्तावित हड़ताल से विद्युत आपूर्ति बाधित होगी तथा सामान्य जनजीवन प्रभावित होगा और जनसामान्य को समस्याओं से जूझना पड़ेगा। इससे अपूरणीय क्षति होने की आशंका है। श्रम न्यायालय ने मामले की त्वरित सुनवाई करते हुए हड़ताल को अवैध घोषित किया है।
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