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REET: भाई से वसूले 7 लाख Munna bhai MBBS

खुद की सरकारी शिक्षक नौकरी दांव पर लगाई

Munna bhai MBBS का नया केस. REET परीक्षा संपन्न होने के बाद इसमें नकल कराने के तरीके और कहानियां छन-छनकर सामने आ रही हैं. कहीं चप्पल में डिवाइस लगाकर नकल कराने की कोशिश की गई तो कहीं ब्लूटूथ का सहारा लिया गया. पकड़े गये डमी अभ्यर्थियों (Dummy Candidates) और गिरोह के लोगों की प्लानिंग सुनकर-सुनकर पुलिस भी चक्करघनी हो रही है. ऐसे ही एक शातिर डमी अभ्यर्थी को कोटा में पकड़ा गया था. यह डमी अभ्यर्थी खुद सरकारी शिक्षक (Government Teacher) है. लेकिन लाखों रुपये के फेर में आकर उसने ऐसा कदम उठा लिया कि अब उसकी खुद की नौकरी पर बन आई है. इसने अपनी बुआ के बेटे को रीट पास कराने के लिये सात लाख में सौदा किया था लेकिन सफल नहीं हुआ.

कोटा ग्रामीण पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि पकड़ा गया Munna bhai MBBS डमी अभ्यर्थी सुरेश कुमार विश्नोई सरकारी अध्यापक है. उसे एसओजी से मिले इनपुट के आधार पर कैथून थाना इलाके के एक सेंटर पर पकड़ा गया था. वह अपनी बुआ के बेटे की जगह परीक्षा दे रहा था. इसके लिये उसने बुआ के बेटे से 7 लाख रुपये वसूले थे. सुरेश विश्नोई ने आधार कार्ड में भी मूल अभ्यर्थी का फोटो पेस्ट कर दिया था. इससे पुलिस भी एक बार चकमा खा गई. लेकिन जब आरोपी सुरेश और मूल अभ्यर्थी के PAN कार्ड की डिटेल को मैच किया गया तो पूरी पोल खुल गई. उसके बाद पुलिस ने आरोपी सुरेश विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया. मूल अभ्यर्थी को गिरफ्तार करने के लिए टीमें रवाना की गई हैं.

सुरेश 2018 में बना था सरकारी टीचर

पकड़ा गया आरोपी सुरेश परिवार में इकलौता कमाने वाला है. उसके माता-पिता, 4 बहनें, पत्नी और दो बेटे हैं. पढ़ाई में अच्छा होने के कारण सुरेश विश्नोई ने साल 2018 रीट परीक्षा पास की थर्ड ग्रेड सरकारी टीचर बना था. वह वर्तमान में जालोर जिले के सांचौर इलाके में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय अरण्य में पदस्थापित है.

नाम बताकर गुमराह करता रहा

पुलिस गिरफ्त में आने के बाद आरोपी सुरेश पुलिस को गुमराह करता रहा. उसने पहले अपना नाम हनुमानराम निवासी भंवार थाना सेढ़वा, जिला बाड़मेर बताया. साइबर टीम ने संबंधित थाने से जानकारी जुटाई तो उसका झूठ पकड़ा गया. बाद में उसने अपना नाम हरीश विश्नोई, निवासी रतनपुरा, थाना चितलवाना, जिला जालोर होना बताया. पुलिस ने फिर संबंधित थाने से उसकी जानकारी जुटाई तो वह भी गलत निकला. तीसरी बार पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम प्रकाशराम बताया. आखिरकार लंबी पूछताछ के बाद आरोपी ने अपना सही नाम बताया.

आईडी से आया पकड़ में

सुरेश बहुत ही शातिर और चालक किस्म का है. पूछताछ के दौरान वो पुलिस को अलग-अलग नाम बताता रहा. साइबर टीम उसके बताए गए नामों की छानबीन करती गई. इस दौरान उसके वोटर आईडी, आधार कार्ड, पेन कार्ड और सोशल मीडिया अकाउंट की डिटेल मैच भी करते गए तब जाकर वह पुलिस के काबू में आया. पुलिस को अंदेशा है कि सुरेश पहले भी डमी अभ्यर्थी बंद कर अन्य परीक्षाओं में शामिल हुआ है. उससे इस सिलसिले में और पूछताछ की जा रही है.

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