दुर्ग / पुलिस अधीक्षक दुर्ग डॉ. अभिषेक पल्लव (मापसे) के नेतृत्व में अति पुलिस अधीक्षक शहर संजय ध्रुव एवं नगर पुलिस अधीक्षक छावनी अनुभाग प्रभात कुमार (मापसे) के निर्देशन में थाना छावनी में पीडिता के लिखित आवेदन पेश करने पर कि अंकित कानपुर तथा नूतन सिंह कोरबा का रहने वाले ने मुलाकात कर घर आकर झांसा में लेकर पीडिता पक्ष को कहता था कि मेरी ऊपर के लोगो से अच्छी जान पहचान है कहते हुए आपके सभी जान पहचान वालो का शासकीय नौकरी, चपरासी, एस आई बैंक में कर्लक, विधुत विभाग, पुलिस विभाग व अन्य जगहों में नौकरी लगा सकता हूं बोलकर 34,16,006 रुपये का घोखाधडी कर
फरार हो गये थे जिनके खिलाफ थाना छावनी में अपराध क्रमांक 413/ 2022 धारा 420, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर जांच पड़ताल शुरू कि गई। लगभग एक करोड का लेन देन आरोपी अंकित सिंह के खाता स्टेटेमेंट के एनालाइज से 1 करोड रुपये का ट्रांजेक्शन मिला जिसमें 70 लाख रूपये ट्रांजेक्शन की पुष्टि हो चुकी तथा बाकि 30 लाख रूपये का ट्राजेक्शन संदेहास्पद है, जिसकी जांच पडताल जारी है।
आरोपियों को कानपुर (उ.प्र.) और शक्ति (छ.ग.) से किया गया गिरफ्तार – नगर पुलिस अधीक्षक छावनी अनुभाग प्रभात कुमार (भापुसे) के द्वारा बैंक स्टेटमेंट, टेक्नीकल ग्राउंड पर पता करने पर उनके निर्देश एवं मार्गदर्शन में थाना छावनी द्वारा टीम बनाकर सउनि अजय सिंह, आरक्षक अखिलेश मिश्रा को कानपुर भेजा गया जहां अंकित सिंह को नवसरा कानपुर से हिरासत में लिया गया, उसी दिनांक समय को दूसरी टीम गठित कर जांजगीर-चांपा में प्र आरक्षक रामकृष्ण तिवारी एवं आरक्षक आकाश तिवारी द्वारा नूतन चौहान को हिरासत में लेकर थाना लाये जहां विस्तृत पूछताछ पर दोनो आरोपी अंकित एवं नूतन ने अपना अपराध कबूल किया। आरोपियो को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय पेश किया गया।
अन्य थाने में पहले भी है दर्ज अपराध :- इससे पहले भी आरोपी अंकित सिंह के खिलाफ जिला कोरबा के बाल्को थाना में वर्ष 2019 में धारा 120बी, 420 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध हुआ है, जिसमें पीडिता को झांसी में बैंक ऑफ बडोदा में नौकरी लगाने के नाम पर कुल 3,27,000 रूपये का धोखाधडी किया था।
अन्य जगहो में भी इसी तरह का अपराध घटित करना / पृथक से संबंधित थानों में कराई जाएगी अपराध दर्ज :- दोनों आरोपियों से कड़ी पूछताछ से जानकारी मिली कि इनके द्वारा ही जांजगिर चांपा के शक्ति में तथा कांकेर में वहां के भोले भाले लोगो को नौकरी लगाने के नाम पर रूपये एट कर फरार हो जाते थे, जिस संबंध में पीडित पक्षो को तलब करवाकर संबंधित थानों को सूचित कर वहां भी इनके खिलाफ अपराध दर्ज कराई जाएगी।
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