
दो बच्चों को मारने के बाद कुएं में कूदकर सुसाइड करने वाली तीन बहनों के मामले की जांच में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। तीनों बहनें आगे पढ़ाई करना चाहती थी, लेकिन उनके पति उन्हें खेतों में काम करते देखना चाहते थे।
पढ़ाई को लेकर रोज-रोज के झगड़े और तानों से परेशान होकर उन्होंने मौत को गले लगा लिया। मामला जयपुर के दूदू जिले का है। ASP दिनेश शर्मा ने बताया कि
दूदू के नरैना रोड पर शनिवार को कुएं में मृत मिली तीनों बहनें पढ़ाई में अव्वल थीं। बचपन में ही उनकी शादी कर दी गई थी। बाल विवाह के बाद भी उन्होंने पढ़ने के सपने को टूटने नहीं दिया।
बड़ी बहन कालू देवी 12वीं क्लास तक पढ़ी, लेकिन बाद में पति के दबाव में पढ़ाई छोड़ दी। वहीं, उसकी दोनों बहनें कमलेश और ममता ने ससुराल आकर भी पढ़ाई को लेकर हार नहीं मानी। ममता MA तो कमलेश BA सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रही थी।
पति ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं
ग्रामीणों से पूछताछ में पुलिस के सामने आया है कि तीनों बहनों का 2005 में बाल विवाह हुआ था। तीनों की शादी एक ही घर में की थी। पति ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे, लेकिन तीनों बहनें पढ़ने में होशियार थीं।
ममता के तो 12वीं क्लास में उसके 84 प्रतिशत अंक थे। उसने सेंट्रल यूनिवर्सिटी बांदरसिंदरी में एंट्रेस एग्जाम पास कर MA हिंदी में प्रवेश लिया था। वह कॉम्पिटिशन एग्जाम की भी तैयारी कर रही थी। उसने कॉन्स्टेबल भर्ती की परीक्षा भी दी थी।
ससुराल वाले चाहते थे खेतों में काम करें
कालू देवी 12वीं तक पढ़ी थी। 7 साल पहले जब वह सुसराल आई तो 8वीं तक पढ़े पति नरसिंह ने उसकी पढ़ाई बंद करवा दी। दूदू के सरकारी कॉलेज से BA की पढ़ाई कर रही कमलेश का पति मुकेश भी 8वीं तक पढ़ा।
पढ़ाई छोड़कर मुकेश जेसीबी चलाने लग गया। ममता और कमलेश जब डेढ़ साल पहले ससुराल आई थी। उनके पति कॉलेज की जगह उन्हें खेतों में काम करते हुए देखना चाहते थे।
तीनों बहनों की आगे पढ़ने की इच्छा को लेकर उन्हें ताने दिए जाते थे। कई बार तो मामला मारपीट तक पहुंच जाता था।
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