सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र (जेएलएनएच एंड आरसी) में अंगदान महोत्सव–2025 के अंतर्गत अंगदान के प्रति जनजागरूकता वृद्धी एवं भ्रांतियों के निवारण के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यह अभियान विश्व अंगदान दिवस के अवसर पर चलाए जा रहे वैश्विक जागरूकता आंदोलन का हिस्सा है।
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अभियान के तहत 8 अगस्त 2025 को राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र के बर्न यूनिट द्वारा अंगदान जागरूकता वॉकाथॉन का आयोजन किया गया। वॉकाथॉन को निदेशक प्रभारी (भिलाई इस्पात संयंत्र) चित्त रंजन महापात्र ने चिकित्सालय के ओपीडी ब्लॉक से झंडी दिखाकर रवाना किया। डॉक्टरों और कर्मचारियों की यह रैली बैनरों, पोस्टरों और स्लोगन बोर्ड के साथ आगे बढ़ी, जिसके अगवाई में ‘अंगदान संदेश वाहन’ भी चला, जिसमें अंगदान गीत का प्रसारण किया गया।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एस. मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) ए. के. चक्रवर्ती, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) प्रवीण निगम, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक (खदान) बिपिन कुमार गिरि, कार्यपालक निदेशक (संकार्य) राकेश कुमार, कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. रवींद्रनाथ एम., मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनीता द्विवेदी, डॉ. कौशलेंद्र ठाकुर, डॉ. सौरव मुखर्जी, डॉ. उदय कुमार, वरिष्ठ चिकित्सक एवं चिकित्सालय कर्मी उपस्थित थे।
काथॉन के उपरांत कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. रवींद्रनाथ एम. ने अंगदान पर आधारित चयनित पोस्टरों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। अपने उद्बोधन में निदेशक प्रभारी चित्त रंजन महापात्र ने जेएलएन चिकित्सालय में स्थापित छत्तीसगढ़ के पहले स्किन बैंक की सराहना करते हुए कहा, “अंगदान सबसे बड़ा दान है। अनेक लोग जीवनरक्षक अंगों की प्रतीक्षा में हैं, परंतु उपलब्धता सीमित है।
आशा है कि यह अभियान अधिक से अधिक लोगों को आगे आने के लिए प्रेरित करेगा।” कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. रवींद्रनाथ एम. ने लोगों से अंगदाता के रूप में पंजीकृत होने और इस निर्णय की जानकारी परिवार को देने की अपील की।
उन्होंने कहा, “यह दिन अंगदाताओं और उनके परिवारों के नि:स्वार्थ योगदान को सम्मानित करने का दिन है। प्रायः अंगदान मरणोपरांत होता है, तो हमारे जाने के बाद हमारे शरीर का उपयोग किसी और को जीवन देने में हो, इससे बड़ा पुण्य और क्या हो सकता है?”
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अभियान के अंतर्गत बर्न यूनिट के सदस्यों, स्किन बैंक के लाभार्थियों और अंगदाताओं द्वारा अंगदान विषयक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई। इसके पश्चात अवेयरनेस रैम्प वॉक का आयोजन हुआ, जिसमें अंगदाता और अंग प्राप्तकर्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए और अधिकाधिक लोगों से अंगदान में भागीदारी की अपील की।
कार्यक्रम का संचालन मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. उदय कुमार ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) एवं विभागाध्यक्ष बर्न यूनिट डॉ. अनिरुद्ध मेने ने प्रस्तुत किया। इस आयोजन की सफलता में बर्न यूनिट की टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
अभियान के आगामी कार्यक्रमों में राष्ट्रीय अंगदान दिवस 2025 की थीम – “आन्सरिंग द कॉल” विषय पर आधारित सतत् चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) का आयोजन भी शामिल है, जो चिकित्सा पेशेवरों की इस जीवनदायिनी मुहिम में सहभागिता बढ़ाने पर केंद्रित रहेगा।
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