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यातायात पुलिस दुर्ग द्वारा “ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर” यातायात प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया…

दुर्ग:- आज दिनांक को यातायात पुलिस दुर्ग द्वारा ऑरेशन सुरक्षा अभियान के तहत वाहन चालको को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने एवं दिये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत एसएनजी स्कूल सेक्टर 04 परिसर में ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर यातायात प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे जिले के शासकीय एवं प्राईवेट विद्यालय के 120 पीटीआई को यातायात नियमों का प्रशिक्षण दिया गया।

आज के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में यातायात पुलिस के साथ प्रशिक्षण देने के लिए भिलाई के जन आक्रोश सामाजिक संस्था के नागपुर के पदाधिकारीगण भी उपस्थित हुए कार्यक्रम की शुरूवात में सर्वप्रथम प्रशिक्षण में आये उपस्थित पीटीआई को सडक दुर्घटनाओ से संबंधित वीडियों क्लीप दिखाया गया।

इस वीडियों क्लीप के माध्यम से बताया गया कि किस प्रकार सडक पर एक छोटी सी लापरवाही से एक वाहन चालक गंभीर सडक दुर्घटना शिकार हो जाते है तत्पश्चात भारत एवं छ.ग. में हो रही सडक दुर्घटनाओ के आकडो पर प्रकाश डाला गया जिसमें भारत प्रतिवर्ष 1 लाख 65 हजार से अधिक लोग सडक दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते है।

उसी प्रकार छ0ग0 में 6 हजार से अधिक लोगो की मौत सडक दुर्घटनाओ में होती है भारत में प्रत्येक दिन सडक दुर्घटनाओं में 462 लोग, प्रतिघंटा 19 लोग और प्रत्येक 3 मिनट मे 1 आदमी सडक दुर्घटना में अपनी जान गवां देता है जिसमें सबसे अधिक बाईक सवार की सडक दुर्घटना में होती है।

जिसमें अधिकांश लोग हेलमेट धारण नही किये होते है इसी प्रकार सडक दुर्घटनाओं में जान गवानें वाले सबसे अधिक युवा वर्ग (66.5 प्रतिशत) जो 18-35 वर्ष के होते है सडक दुर्घटनाओं के आकडो पर प्रकाश डालने के बाद यातायात के प्रमुख चार घटक 4ई के बारे में जानकारी दी गई।

जिसमें प्रथम-ई इंजीनिररिंग जिसके अंतर्गत सडक बनाने वाले एजेंसी जैसे एनएच, पीडल्यूडी, नगर निगम कार्य करती है द्वितीय-ई एजुकेशन जिसके अंतर्गत यातायात नियमो की जानकारी जैसे सडक संकेत बोर्ड, ट्राफिक लाईट, रोड मार्किग,वाहन चलाते समय क्या करना चाहिए क्या नहीं की जानकारी प्रदान की गई।

तृतीय-ई इनफोरसमेन्ट इसके अंतर्गत पुलिस विभाग द्वारा यातायात नियमों का पालन न करने वालो वाहन चालको पर की जाने वाली कार्यवाही चतुर्थ-ई इमरजेंसी जिसमें सडक दुर्घटना के समय दी जानी वाली आपातकालीन सेवा मेडिकल उपचार इसके अंतर्गत कार्य करती है।

प्रशिक्षण के दौरान यह भी बताया गया कि किसी भी सडक दुर्घटना में घायल व्यक्ति की तत्काल मदद करे उसे किसी प्रकार से उसे गोल्डन हावर्स समय पर हास्पिटल पहुचाया जाये इस प्रकार के कार्य करने वाले व्यक्ति को सरकार द्वारा ईनाम भी दिया जाता है और उसे पुलिस और हास्पिटल द्वारा किसी प्रकार परेशान नहीं किया जाता उनसे केवल नार्मल जानकारी ली जाती है।

आज के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात द्वारा कहा गया कि आज के इस यातायात प्रशिक्षण का उद्देश्य यहां उपस्थित सभी पीटीआई के माध्यम से जिले के 120 स्कूलो के छात्र छात्राओं तक यातायात नियमों की जानकारी प्रदान करना है ताकि आने वाले भविष्य में जब छात्र/छात्राएं बालिक हो जाए और ड्रायविंग लायसेंस प्राप्त कर वाहन चलाते समय वे यातायात नियमो का पालन कर वाहन चालन करे और अपने परिजन एवं मित्र को भी जानकारी प्रदान करें।

आज के इस कार्यक्रम में यातायात पुलिस विभाग से सुश्री ऋचा मिश्रा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, यातायात, निरीक्षक पी.डी.चंद्रा, सउनि. राजमणी सिंह एवं यातायात के कर्मचारी, शिक्षा विभाग से अमित घोस, संजय वर्मा उप संचालक, जिला शिक्षा कार्यालय दुर्ग, तनवीर अकील सहायक जिला क्रीडा अधिकारी, अशोर कुमार, विकास खण्ड दुर्ग क्रीडा प्रभारी, कौशलेन्द्र पटेल, धमधा विकास खण्ड क्रीडा प्रभारी एवं जनआक्रोश संस्था के नागपुर प्रकाश खाडेकर (अध्यक्ष),  रमेश सहारे, दत्ताश्रेय कुलकर्णी, दुर्ग से अतुल नागले, राजेन्द्र जोशी, दिलीप देवलवार, डी.के.साहू, विजय देश पाण्डेय, कृष्णा देवकाटे, राजेश धाकड, डॉ अनुज नारद तथा एसएनजी विद्यालय के प्राचार्या श्रीमती ई.भारती उपस्थित रहे।

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