
दुर्ग / कलेक्टर अभिजीत सिंह के मार्गदर्शन में 26 जून 2025 को महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय दुर्ग के प्रेरणा सभाकक्ष में जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन अल्टरनेटिव केयर के सहयोग से पोषण देखरेख (फॉस्टर केयर) विषय पर संभाग स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई।
महिला एवं बाल विकास अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त प्रशिक्षण में राज्य में संचालित पोषण देखरेख कार्यक्रम (फॉस्टर केयर प्रोग्राम) अंतर्गत उमंग कार्यक्रम के प्रभावी कियान्वयन हेतु हितधारकों की क्षमता संवर्धन हेतु प्रशिक्षक के रूप में राज्य से डॉ रामचरण चौकसे, कार्यक्रम प्रबंधक, राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन अभिकरण नवा रायपुर, यूनिसेफ से सीईएसी डॉ. वसुधरा, मैनेजिंग ट्रस्टी, हितेश कुमार, सोना बर्सन, राज्य प्रोग्राम मैनेजर, फॉस्टर केयर, एवं राहुल जेमा उपस्थित रहें।
किशोर न्याय (बालको की देखरेख संरक्षण) अधिनियम 2015 यथा संशोधित 2021 की धारा 44 किशोर बालको की देखरेख संरक्षण) नियम 2016 यथा संशोधित 2022 के नियम 23 तथा भारत सरकार द्वारा जारी मॉडल फास्टर केयर गाईड लाईन 2024 के प्रावधान अनुसार राज्य में पोषण देखरेख कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
मिशन वात्सल्य योजना में अंतिम उपाय के रूप में बच्चों के संस्थागतकरण के सिंद्धात के आधार पर कठिन परिस्थितियों में रह रहे बच्चों को परिवार आधारित गैर संस्थागत देखभाल को बढ़ावा देता है। पोषण देखरेख (फॉस्टर केयर) उक्त योजनाओं में से एक है।
पोषण देखरेख अंतर्गत बच्चें की देखभाल संरक्षण और पुनर्वास के लिए बच्चें की जिम्मेदारी एक असंबंधित परिवार द्वारा ली जाती है। ऐसे बच्चें जो किसी कारणवश अपने जैविक माता पिता के साथ नहीं रह पाते उन्हें पारिवारिक वातावरण उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से बालक कल्याण समिति के आदेश पर गैर नातेदार परिवार में संरक्षण एवं देखरेख उपलब्ध करवाना फॉस्टर केयर या पोषण देखरेख कहलाता है।
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