
दुर्ग / दुर्ग विकासखण्ड के शासकीय प्राथमिक शाला उतई में शिक्षकों की पदस्थापना से हर्षाेल्लास का वातावरण बन गया है। विद्यार्थी पहले से अधिक उमंग और जोश के साथ पढ़ाई में जुट गए हैं। शिक्षक श्रीमती मंदाकिनी वर्मा जो पूर्व में शासकीय प्राथमिक शाला नवागांव धमधा में पदस्थ थी एवं श्रीमती गीता सरकार जो शासकीय प्राथमिक शाला झुग्गीपारा दुर्ग में पदस्थ थी। दोनों ही शिक्षकों की पदस्थापना से शासकीय प्राथमिक शाला उतई में शिक्षकों की संख्या 6 और दर्ज संख्या 171 है। युक्तियुक्तकरण के बाद स्कूलों में शिक्षकों की संख्या पूरी हो गई।
शिक्षकों की पुनः पदस्थापना करने से लंबे समय से चल रहे शिक्षक विहीन स्कूल को शिक्षक और विषय विशेषज्ञ उपलब्ध हो पाया हैं। इसका सबसे बड़ा लाभ विद्यार्थियों को मिला। उनका भविष्य संवर गया। युक्तियुक्तरण शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों के लिए सकारात्मक परिवर्तन लेकर आया।
शिक्षकगण पूरी लगन के साथ बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए तैयार हैं। स्कूलों में शिक्षकों व बच्चों की गुंज सुनने को मिल रहा है। शाला उत्सव में नव पदस्थ शिक्षकों ने विद्यार्थियों का तिलक लगाकर स्वागत किया। पूर्व की भांति शिक्षकों द्वारा नियमित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है।
विषय विशेषज्ञ की उपस्थिति से कक्षाएं खाली नहीं जाती, जिससे बच्चों की पढ़ाई सतत हो पा रही है। शिक्षक श्रीमती मंदाकिनी वर्मा ने कहा कि ज्ञान बांटने से बढ़ता है और शिक्षक ही वही माध्यम है जो बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन देते हैं। एकल शिक्षक द्वारा बच्चों को बहुविषयक पढ़ाया जाता था।
जिससे बच्चों को विषय विशेषज्ञ का मार्गदर्शन नही मिल पा रहा था, वहीं अब विषय विशेषज्ञ मिलने से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ और विद्यार्थियों को समुचित मार्गदर्शन और सभी विषयों में विषय विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध होने से बच्चों में गहन समझ और बेहतर परिणाम मिलेंगे। युक्तियुक्तकरण शिक्षा के क्षेत्र में एक नवाचार लेकर आया है। यह नवाचार शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करेगा, बल्कि विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने की दिशा में सशक्त माध्यम होगा।
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