हरित नवजागरण की मिसाल बना बीएसपी का सिंटर प्लांट-3 : इस्पात और सस्टेनेबिलिटी के बीच जीवंत संतुलन…

भिलाई/ सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के हृदयस्थल में स्थित सिंटर प्लांट-3 (एसपी-3) आज एक अत्यंत प्रभावशाली पर्यावरणीय परिवर्तन का साक्षी बन रहा है। कभी धूल-धक्कड़ और भारी उद्योग की पहचान वाला यह संयंत्र अब नवाचार, हरित सोच और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में अग्रसर है। यहां हो रहे परिवर्तन यह साबित करते हैं कि औद्योगिक उत्कृष्टता और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व एक-दूसरे के विकल्प नहीं, बल्कि पूरक हो सकते हैं।
औद्योगिक रूखापन से हरित नखलिस्तान तक की यात्रा एसपी-3 के परिवर्तन का सबसे स्पष्ट संकेत इसके भीतर उभरे हरित, विषयगत उद्यान हैं। ये केवल सौंदर्यवर्धक प्रयास नहीं, बल्कि संयंत्र की गहरी पर्यावरणीय चेतना के प्रतीक हैं। पर्यावरण प्रबंधन विभाग के सहयोग से संयंत्र ने कबाड़ और उपेक्षित क्षेत्रों को पुनः प्राप्त कर उन्हें जीवंत और उद्देश्यपूर्ण हरित स्थलों में बदल दिया है।
बकुल उद्यान, जहां कर्मचारी शांति और स्वच्छ वायु का अनुभव करते हैं, वहीं अनुपम स्थली जैव विविधता और पारिस्थितिक पुनर्स्थापना की प्रेरणा देती है। शराफत बाग और अंजनाद्रि जैसे स्थल संयंत्र की विरासत और भावनात्मक सततता के प्रतीक बन चुके हैं। इनमें स्मृतियों को जीवंत श्रद्धांजलि के रूप में रूपांतरित किया गया है।
एसपी-3 की हरित सोच की सबसे प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है—एक उपेक्षित डंप यार्ड का कायाकल्प, जिसे अब एक थीम आधारित उद्यान के रूप में विश्व पर्यावरण दिवस पर लोकार्पित किया जाएगा। यह ‘वेस्ट टू वंडर’ पहल संयंत्र की उस बदलती सोच को दर्शाती है, जहां सततता केवल नीति नहीं बल्कि व्यवहार बन चुकी है।
तकनीकी नवाचार के साथ प्रदूषण नियंत्रण हरियाली की पहल के समानांतर संयंत्र में धूल नियंत्रण और उत्सर्जन में कमी के लिए कई ठोस तकनीकी प्रयास किए गए हैं। मशीन-2 के लाईम अनलोडिंग क्षेत्र में नवीन बैग फिल्टर सिस्टम की स्थापना से चूने की धूल पर प्रभावी नियंत्रण हुआ है। संयंत्र के जंक्शन हाउसों में अब स्वदेशी डिजाइन वाले मिनी बैग फिल्टर सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। धूल पकड़ने वाले सिस्टम का पुनर्जीवन भी आंतरिक नवाचार का परिणाम है, जिससे कणीय प्रदूषण पर नियंत्रण संभव हो सका है।
रॉ मटेरियल क्रशिंग सेक्शन में एक नया इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर (ESP) स्थापित किया जा रहा है। डिस्पैच मार्गों पर उन्नत धूल दमन प्रणालियां लगाई जा रही हैं। विशेष उल्लेखनीय है मशीन-2 में पीडी ईएसपी संरचना का संयंत्र द्वारा आंतरिक रूप से किया गया पुन:डिजाइन, जिससे रखरखाव सरल हुआ है और संचालन अधिक स्थिर बना है।
2024 में जब एक बड़ी तकनीकी चुनौती के चलते सिंटर संयंत्र को दो महीने तक बंद रहना पड़ा, तब इस संकट को एसपी-3 ने ‘आपदा में अवसर’ में बदलते हुए, प्रोसेस ईएसपी सेक्शन के पास-बी का संपूर्ण आधुनिकीकरण किया। यह घटना एसपी-3 के जुझारू और परिवर्तनशील चरित्र की पहचान बनी।
ऊर्जा संरक्षण की दिशा में ठोस कदम एसपी-3 ने ऊर्जा दक्षता को भी अपनी हरित सोच के केंद्र में रखा है। बेहतर संचालन योजना के माध्यम से उपकरणों के अनावश्यक संचालन को रोका गया है, जिससे प्रति इकाई ऊर्जा खपत लक्ष्य से नीचे आ गई है। पुराने मोटरों की जगह अब आईइ3 और आईइ4 श्रेणी के उच्च दक्षता वाले मोटर लगाए जा रहे हैं। पारंपरिक डायरेक्ट-ऑन-लाइन स्टार्टरों को सॉफ्ट स्टार्टर और वीएफडी से बदला जा रहा है।
एक बड़ी पहल के रूप में एसपी-3 को प्रशासनिक भवनों की छतों पर सोलर पैनल स्थापित करने की पायलट परियोजना के लिए चुना गया है। यह विकेंद्रित हरित ऊर्जा संयंत्र की सहायक विद्युत प्रणाली को सशक्त करेगा। रोशनी की पारंपरिक व्यवस्था को अब एलईडी और स्मार्ट सेंसरों से बदला गया है, जिससे ऊर्जा की बर्बादी रुकी है और ‘ऊर्जा सजगता’ की संस्कृति को बल मिला है।
प्लास्टिक मुक्त नीति : व्यवहारिक बदलाव की दिशा में एसपी-3 ने पर्यावरणीय समग्र दृष्टिकोण को अपनाते हुए अपने सभी क्षेत्रों में सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया है। कैंटीनों, कंट्रोल रूमों और मीटिंग क्षेत्रों में अब कांच, धातु और पुनःप्रयोग होने वाली सामग्रियों का उपयोग हो रहा है। कर्मचारी अपने बर्तन साथ लाने के लिए प्रेरित किए जाते हैं और आंतरिक आयोजनों में प्लास्टिक पूरी तरह वर्जित है।
यह बदलाव केवल नीति से नहीं बल्कि सहभागी भावना से उपजा है। कर्मचारियों की भागीदारी और जागरूकता अभियानों के चलते यह नीति एक व्यवहारिक संस्कृति में बदल चुकी है। दीर्घकालीन दृष्टिकोण : डी-कार्बनाइजेशन की दिशा में एसपी-3 दीर्घकालिक डी-कार्बनाइजेशन लक्ष्यों की दिशा में भी अग्रसर है। सीओ गैस इंजेक्शन, स्लिट बर्नर की स्थापना, हीट रिकवरी के लिए ऐनीलिंग हूड विस्तार और बॉयोचार का प्रयोग इस दिशा में उठाए गए कुछ प्रमुख कदम हैं। ये पहलें संयंत्र के कार्बन फूटप्रिंट को घटाने के लिए एक दूरदर्शी रोडमैप का हिस्सा हैं।
एक प्रेरक विरासत की ओर एसपी-3 का यह रूपांतरण एक नई औद्योगिक सोच का प्रतीक है—जहां पर्यावरणीय अनुपालन को संस्कृति का रूप दे दिया गया है। संयंत्र प्रबंधन, विभिन्न विभागों और विशेष रूप से पर्यावरण अभियंत्रण विभाग के सहयोग से यह परिवर्तन संभव हुआ है। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एसपी-3 यह सिखाता है कि हरित परिवर्तन की बुनियाद औद्योगिक संरचनाओं में भी डाली जा सकती है—यदि संकल्प सामूहिक हो, दृष्टि स्पष्ट हो और प्रयास निरंतर हों। यहां उपजे हर पौधे के साथ भविष्य की एक नई आशा भी पनप रही है।
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