
दुर्ग – सेक्टर-1, स्ट्रीट क्रमांक 8 और 10 के मध्य स्थित सामुदायिक विकास कार्यालय (सीडीओ), जनगणना भवन परिसर तथा तार घर को 30 मई 2025 को भिलाई इस्पात संयंत्र के संपर्क, प्रशासन एवं जनसंपर्क विभाग (एलएएवंपीआर) को औपचारिक रूप से सुपुर्द कर दिया गया। यह हस्तांतरण नगर सेवाएं विभाग (टीएसडी) द्वारा की गई एक प्रमुख कार्रवाई के अंतर्गत किया गया।
जिसमें खाली कराए गए भवन को संपर्क, प्रशासन एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों को कार्यालय हेतु सौंपा गया। इस अवसर पर संपर्क, प्रशासन एवं जनसंपर्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, महाप्रबंधक (संपर्क, प्रशासन एवं जनसंपर्क) अमूल्य प्रियदर्शी, महाप्रबंधक (जनसंपर्क) प्रशांत तिवारी, महाप्रबंधक (संपर्क, प्रशासन एवं जनसंपर्क) सौमिक डे, सहायक महाप्रबंधक (जनसंपर्क) श्रीमती अपर्णा चंद्रा तथा सहायक महाप्रबंधक (जनसंपर्क) जवाहर बाजपेयी ने भवन परिसर का अधिग्रहण किया और स्थानांतरण गतिविधियों के शुभारंभ हेतु भूमि पूजन किया।
उल्लेखनीय है कि एलए एवं पीआर विभाग के कुछ कार्यालयों का स्थानांतरण इस सीडीओ जनगणना भवन परिसर में किया जा चुका है। कार्रवाई के दौरान संपदा न्यायलय के कार्यपालक मजिस्ट्रेट, भट्टी थाना के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, महाप्रबंधक (टीएसडी-प्रवर्तन) के.के. यादव, उपमहाप्रबंधक (टीएसडी) सुरजीत मलिक, सहायक प्रबंधक (टीएसडी-राजस्व) पंकज कुमार सिंह, सहायक प्रबंधक (एस्टेट कोर्ट) दीपक कुमार विश्वकर्मा, सहायक प्रबंधक (सम्पदा) देवानंद चौहान तथा सहायक प्रबंधक (टीएसडी-जन स्वास्थ्य विभाग) मुकुंद दास माणिकपुरी भी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि 4 अप्रैल 2025 को माननीय एस्टेट कोर्ट के डिक्री आदेश क्रमांक 72/2024 दिनांक 27 मार्च 2025 के अनुपालन में जनगणना भवन का अतिक्रमण हटाया गया था। इसके पश्चात माननीय एस्टेट कोर्ट के दिनांक 28 मई 2025 के आदेश के अनुसार, सील किए गए परिसर को 30 मई 2025 की सुबह औपचारिक रूप से खोला गया। इस प्रक्रिया में प्रवर्तन विभाग, भूमि अनुभाग, एस्टेट कोर्ट, जन स्वास्थ्य विभाग, सुरक्षा कर्मियों (महिला गार्ड सहित) और भट्टी थाना की पुलिस सहित लगभग 150 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम शामिल रही।
इस अवसर पर संपदा न्यायलय के कार्यपालक मजिस्ट्रेट, भट्टी थाना के पुलिस अधिकारी और सम्पदा विभाग के अधिकारियों ने न्यायालय के निर्देशानुसार जेपी सीमेंट के प्रतिनिधि को कुछ आवश्यक सामग्री पंचनामा बनाकर सुपुर्द किया, यह पंचनामा संध्याकाल, न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया।
माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार, पूर्ववर्ती कब्जाधारियों की निजी वस्तुओं की पहचान कर उन्हें दस्तावेज़ीकृत करते हुए उनकी सुपुर्दगी की गई। शेष वस्तुओं को भवन के निर्धारित कक्षों में सुरक्षित रूप से समाहित कर गवाहों एवं साक्ष्यों की उपस्थिति में पुनः सील किया गया। संपूर्ण प्रक्रिया का फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी के माध्यम से जनसंपर्क विभाग द्वारा दस्तावेजीकरण किया गया।
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