
दुर्ग ज़िले में नागरिक सुरक्षा एवं आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली की तत्परता का मूल्यांकन करने हेतु एक व्यापक युद्धकालीन मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। ज़िला कलेक्टर दुर्ग के निर्देशानुसार आयोजित इस युद्धकालीन तैयारी अभ्यास में भिलाई टाउनशिप में भी संपूर्ण ब्लैकआउट लागू किया गया, जिसमें नागरिक जागरूकता और समन्वयात्मक संचालन की वास्तविक स्थिति की जांच की गई।
इस अभ्यास का संयुक्त संचालन ज़िला प्रशासन, सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र एवं अन्य संबंधित एजेंसियों के सहयोग से किया गया। संयंत्र के टाउन सर्विसेज़ डिपार्टमेंट के अधीन टाउन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग (टीईईडी) ने इस ब्लैकआउट को सफलतापूर्वक लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मॉक ड्रिल के दौरान भिलाई इस्पात संयंत्र सहित प्रमुख अवसंरचनाओं पर हवाई हमले की परिकल्पना की गई और तत्समय की आपातकालीन प्रतिक्रियाओं का परीक्षण निर्धारित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के अनुरूप किया गया।
सेक्टर-1 एवं सेक्टर-9 में स्थित अस्पतालों को ब्लैकआउट से मुक्त रखा गया ताकि चिकित्सीय सेवाएं अविरल रूप से संचालित होती रहें, किंतु शेष सभी सार्वजनिक एवं निजी प्रतिष्ठानों ने ज़िला प्रशासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए ब्लैकआउट में भागीदारी सुनिश्चित की।
रात्रि 7:30 बजे हवाई हमले के संकेतस्वरूप सायरन बजाए गए। इसके तुरंत बाद संपूर्ण नगर क्षेत्र में अनावश्यक विद्युत प्रकाश को बंद कर दिया गयाजो 7:45 बजे तक जारी रहा। इसमें होर्डिंग्स, स्ट्रीट लाइट्स, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं आवासीय इमारतों की भीतरी लाइटिंग सम्मिलित थी।
पूर्व से वितरित दिशा-निर्देशों के अनुसार नागरिकों से अनुरोध किया गया था कि वे सभी लाइटें बंद करें, खिड़कियों को ढकें जिससे प्रकाश बाहर न जाए, तथा घरों के भीतर ही रहें। इस अवधि में जनरेटर, इन्वर्टर, इमरजेंसी लाइट और मोबाइल की टॉर्च के उपयोग पर पूर्णतः रोक लगाई गई थी।
ब्लैकआउट के दौरान वाहन संचालन भी स्थगित किया गया। मोटर चालकों को हेडलाइट बंद कर वाहन वहीं रोकने का निर्देश दिया गया था। पूर्व में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के जनसंपर्क विभाग द्वारा लाउडस्पीकर के माध्यम से निरंतर सार्वजनिक घोषणाएं प्रसारित की गईं, जिससे नागरिकों को समय-समय पर आवश्यक जानकारी और मार्गदर्शन प्राप्त हो सका।
रात्रि 7:45 बजे “ऑल क्लियर” संकेत देते हुए ‘ग्रीन अलर्ट’ सायरन बजाया गया, जिसके पश्चात नागरिकों को सामान्य प्रकाश व्यवस्था पुनः प्रारंभ करने की अनुमति दी गई।
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