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सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र का अग्निशमन विभाग: जीवन रक्षा में समर्पित अदृश्य प्रहरी

जब आग की लपटें किसी इमारत को निगलने लगती हैं, धुएँ का गुबार साँस लेना दूभर कर देता है, और हर ओर अफरा-तफरी मच जाती है तब कुछ वीर ऐसे होते हैं जो उस खतरनाक धुएँ में भी निर्भीक होकर प्रवेश करते हैं। ऐसे हि हैं सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के अग्निशमन विभाग के ये कर्मवीर, जिन्हें हम फायर फाइटर्स कहते हैं, न केवल आग बुझाते हैं, बल्कि अनगिनत जिंदगियों को मौत के मुंह से निकाल लाते हैं।

आज जब भिलाई इस्पात संयंत्र की निरंतर उन्नति के साथ समूचा भिलाई अंचल भी आधुनिकता और शहरीकरण की ऊँचाइयों को छू रहा है, तब संयंत्र के अग्निशमन विभाग का कार्य पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण और आवश्यक हो गया है। फायर फाइटर्स का कार्य केवल आग बुझाने तक सीमित नहीं है। वे भूकंप, बाढ़, गैस रिसाव और अन्य प्राकृतिक एवं मानवजनित आपदाओं में भी राहत कार्यों में सबसे आगे रहते हैं।

उन्हें अत्यधिक गर्मी, जहरीली गैसें, संकरी गलियाँ, ऊँची इमारतें और धुएँ से भरे बंद स्थानों में काम करना पड़ता है, वो भी तब जब उनका अपना जीवन संकट में होता है। यह कार्य शारीरिक ही नहीं, मानसिक धैर्य और स्थिरता की भी पराकाष्ठा माँगता है। आज तकनीक ने अग्निशमन विभाग को नई शक्ति दी है। ड्रोन से आग की स्थिति का विश्लेषण, रोबोटिक फायर फाइटर्स का उपयोग, स्मार्ट हेलमेट्स और थर्मल इमेजिंग कैमरा जैसे उपकरण न केवल बचाव कार्य की गति बढ़ाते हैं, बल्कि जवानों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करते हैं।

विशेष रूप से, बंद स्थानों में ब्रीथिंग एपरेटस (बीए सेट) एक वरदान सिद्ध हुआ है, जो विषैली गैसों के बीच भी शुद्ध ऑक्सीजन की आपूर्ति कर फायर फाइटर्स को कार्य जारी रखने में सक्षम बनाता है। होटलों और ऊँची इमारतों में आग लगने की घटनाएँ तकनीकी रूप से अत्यंत जटिल और खतरनाक होती हैं। संकरी सीढ़ियाँ, ऊँचाई तक पहुँच की कठिनाई, दम घुटाने वाला धुआँ और राहत सामग्री पहुँचाने की जटिलता, इन सबके बीच, बीएसपी अग्निशमन विभाग के साहसी जवान विशेष रणनीतियाँ अपनाते हैं।

ऐसे में उनके हाई-प्रेशर पंप्स, एयर लिफ्ट तकनीक और ऊपरी मंजिलों तक पहुँच के लिए विशेष सीढ़ीदार वाहन इस चुनौती को पार करने में सहायक हैं। परन्तु एक कुशल फायर फाइटर बनना साधारण बात नहीं। उन्हें आग बुझाने की तकनीकों, प्राथमिक चिकित्सा, उपकरण संचालन और मानसिक रूप से स्थिर रहने का गहन प्रशिक्षण दिया जाता है। नियमित रिफ्रेशर कोर्स के माध्यम से उन्हें नवीनतम तकनीकी जानकारी और आपात स्थितियों में व्यवहार कौशल का अभ्यास कराया जाता है। बीए सेट का प्रयोग, ऊँची इमारतों में बचाव, और विषम परिस्थियों में टीम समन्वय, सब कुछ प्रशिक्षण का हिस्सा है।

अग्निशमन विभाग केवल दुर्घटनाओं के बाद सक्रिय नहीं होता, बल्कि उनसे पहले जागरूकता और रोकथाम की दिशा में भी गंभीरता से कार्य करता है। व्यावसायिक इमारतों, अस्पतालों, फैक्ट्रियों आदि की अग्नि सुरक्षा प्रणाली का नियमित निरीक्षण, फायर अलार्म, एक्सटिंग्विशर, हाइड्रेंट्स, और निकासी मार्ग की स्थिति की जाँच करना इसके प्रमुख आयाम हैं।

साथ ही, आम जनता, छात्र, अस्पताल स्टाफ, सरकारी अधिकारी और होटल कर्मियों को प्राथमिक अग्निशमन व आत्मरक्षा प्रशिक्षण देकर विभाग एक जागरूक नागरिक समाज का निर्माण कर रहा है। आग लगने की प्रारंभिक स्थिति में कार्यवाही, फायर एक्सटिंग्विशर का प्रयोग, धुएँ से निकलने के सुरक्षित उपाय और दूसरों की सहायता करना, इन सबका प्रशिक्षण जनहानि को काफी हद तक कम कर सकता है।

आज जब सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र का अग्निशमन विभाग अत्याधुनिक संसाधनों और साहसी कर्मियों से सुसज्जित है, तब समाज के प्रत्येक सदस्य की भी यह नैतिक ज़िम्मेदारी बनती है कि वह अग्नि सुरक्षा के नियमों का पालन करे, जागरूकता अभियानों में भाग ले, और आवश्यकता पड़ने पर सहयोग प्रदान करे।

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अग्निशमन विभाग के कर्मी केवल वर्दीधारी कर्मचारी नहीं, बल्कि हमारे समाज के सच्चे रक्षक हैं, जो अपने प्राणों की परवाह किए बिना, हर संकट में आगे बढ़ते हैं। अग्निशमन विभाग का प्रत्येक जवान एक चलती-फिरती मिसाल है, कर्तव्य, साहस और सेवा भावना की। आधुनिक युग की चुनौतियों के बीच वे तकनीक, प्रशिक्षण और परिश्रम से लैस होकर निरंतर समाज की सुरक्षा में संलग्न हैं।

हमें उनके कार्यों का सम्मान करना चाहिए, उनके प्रयासों को समझना चाहिए और उनके साथ मिलकर एक सुरक्षित, जागरूक और उत्तरदायी समाज की ओर अग्रसर होना चाहिए। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र का अग्निशमन विभाग और उन जैसे ही देश और दुनिया के असंख्य अग्निसुरक्षा दलों और विभागों के अग्निशमन वीर हर अग्निकांड से निपटने हेतु कर्तव्यबद्ध हैं, पर हमें भी आग लगने से पहले चेतना लानी होगी।

हमें भी सतर्क रहना चाहिए, अग्नि सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए, और प्रशिक्षण का लाभ उठाकर आग से बचाव के तरीकों को अपनाना चाहिए। केवल मिलकर प्रयास करने से ही हम आगजनी की घटनाओं को कम कर सकते हैं और एक सुरक्षित समाज का निर्माण कर सकते हैं।

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