भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा एमएसएमई विक्रेताओं के लिए जेडईडी एवं लीन प्रमाणन पर संवाद सत्र आयोजित…

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के सामग्री प्रबंधन विभाग द्वारा 8 अप्रैल 2025 को संयंत्र के मानव संसाधन केन्द्र में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विक्रेताओं के लिए ‘ज़ीरो डिफेक्ट, ज़ीरो इफेक्ट’ (जेडईडी) और लीन प्रमाणन योजनाओं पर एक संवादात्मक सत्र का आयोजन किया गया। यह सत्र भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत गुणवत्ता एवं उत्पादकता वृद्धि हेतु जागरूकता बढ़ाने और एमएसएमई क्षेत्र में इन योजनाओं के कार्यान्वयन को सुगम बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
इस पहल का आयोजन क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) के आधिकारिक प्रशिक्षण भागीदार, ज़ेन इंटरनेशनल सिस्टम्स, पुणे के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन), भिलाई इस्पात संयंत्र, ए. के. चक्रवर्ती उपस्थित थे। विशेष अतिथियों में छत्तीसगढ़ शासन का प्रतिनिधित्व कर रहे सहायक निदेशक (एमएसएमई-डीएफओ, रायपुर), अरविंद तिवारी; प्रबंधक (जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, दुर्ग), तुषार त्रिपाठी एवं शैलेन्द्र सिंह शामिल थे।
संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारियों में प्रमुखतः मुख्य महाप्रबंधक (सामग्री प्रबंधन) के. सी. मिश्रा; मुख्य महाप्रबंधक (सामग्री प्रबंधन) ए. के. मिश्रा; कार्यपालक मुख्य महाप्रबंधक (अनुरक्षण एवं उपयोगिताएँ) बी. के. बेहरा; मुख्य महाप्रबंधक (विद्युत) टी. के. कृष्णकुमार; कार्यपालक महाप्रबंधक (यांत्रिकी) एस. बालराज; कार्यपालक महाप्रबंधक (बीई) ए. बी. श्रीनिवास प्रमुख रूप से उपस्थित थे। साथ ही क्यूसीएफआई भिलाई के सलाहकार सत्यवान नायक भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। प्रशिक्षण सत्र में योगदान देने वाले विशेषज्ञों में ज़ेन इंटरनेशनल सिस्टम्स, पुणे की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. संजीवनी; वरिष्ठ सलाहकार सच्चिदानंद तथा सलाहकार संजय पिटुरी शामिल थे।
35 से अधिक एमएसएमई इकाइयों के प्रतिनिधियों, सहायक इकाइयों और स्थानीय उद्यमों की इस सत्र में सक्रिय भागीदारी रही। इस अवसर पर भिलाई सहायक उद्योग संघ (बीएआईए) के अध्यक्ष रतन दास गुप्ता एवं उनकी समिति के सदस्य भी उपस्थित थे।
दीप प्रज्वलन एवं उद्घाटन के उपरांत कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) ए. के. चक्रवर्ती ने स्वागत भाषण में विक्रेता भागीदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “हमारा विश्वास है कि हमारी शक्ति केवल हमारी आंतरिक क्षमताओं में ही नहीं, बल्कि हमारी आपूर्ति श्रृंखला की दृढ़ता एवं गुणवत्ता में निहित है, जिसका एक अभिन्न अंग एमएसएमई इकाइयां हैं।
श्री चक्रवर्ती ने कहा भिलाई इस्पात संयंत्र सतत रूप से परिचालन उत्कृष्टता हेतु प्रयासरत है और हमें अपने आपूर्तिकर्ताओं से भी यही अपेक्षा है।” सहायक निदेशक (एमएसएमई-डीएफओ) अरविंद तिवारी ने जेडईडी योजना की विस्तृत जानकारी दी तथा ब्रॉन्ज, सिल्वर एवं गोल्ड श्रेणियों के प्रमाणन की प्रक्रिया को समझाया। वहीं प्रबंधक (डीटीआईसी) तुषार त्रिपाठी ने छत्तीसगढ़ शासन की ओर से जेडईडी को बढ़ावा देने के प्रयासों तथा उपलब्ध प्रोत्साहनों की जानकारी दी।
प्रशिक्षण सत्र के तकनीकी सत्र में वरिष्ठ सलाहकार डॉ. संजीवनी ने लीन प्रमाणन की रणनीतिक उपयोगिता को प्रस्तुत किया, जबकि वरिष्ठ सलाहकार सच्चिदानंद ने इसके कार्यान्वयन की विधियों को विस्तार से समझाया। सत्र का समापन डॉ. संजीवनी द्वारा संचालित प्रश्नोत्तर एवं एक्शन प्लानिंग चर्चा से हुआ। सत्र के समापन पर बीएआईए अध्यक्ष रतन दास गुप्ता ने भिलाई इस्पात संयंत्र के सामग्री प्रबंधन विभाग एवं सभी संबंधित संस्थाओं का आभार प्रकट करते हुए एमएसएमई विक्रेताओं के लिए ऐसे उद्देश्यपरक आयोजन की सराहना की।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ उप महाप्रबंधक (परचेज़) सुश्री यामिनी ताम्रकार ने किया। आयोजन के प्रमुख समन्वयकों में महाप्रबंधक (परचेज़) राहुल अरोरा; महाप्रबंधक (वीडीसी) मनोहर शर्मा; उप महाप्रबंधक (वीडीसी) विक्रांत शरण तथा सहायक प्रबंधक (परचेज़) स्टीविन जॉर्ज शामिल थे। संपूर्ण कार्यक्रम मुख्य महाप्रबंधक (सामग्री प्रबंधन) के. सी. मिश्रा के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
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