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संसद में छत्तीसगढ़ के किसानों की आवाज बने सांसद बृजमोहन अग्रवाल

नई दिल्ली / रायपुर रायपुर सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों का मामला लोकसभा में उठाया। शुक्रवार को बृजमोहन अग्रवाल ने संसद में छत्तीसगढ़ में किसानों को उर्वरकों की उपलब्धता को लेकर सरकार से प्रश्न किया।

उन्होंने केंद्र सरकार से जानना चाहा कि क्या किसानों को सस्ती दरों पर समय पर उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कोई विशेष योजना लागू की जा रही है, विशेष रूप से दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों में। सांसद श्री अग्रवाल ने यह भी पूछा कि क्या सरकार आयात पर निर्भरता कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ में नई सक्रिय औषधि सामग्री (एपीआई) विनिर्माण इकाई स्थापित करने की योजना बना रही है।

इस पर रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक जैसे यूरिया, डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी), म्युरेट ऑफ़ पोटाश (एम ओ पी) और नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटेशियम (एनपीके) प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध कराए जा रहे हैं और समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर फसल सीजन में आवश्यक कदम उठा रही है।

मंत्री श्रीमती पटेल ने स्पष्ट किया कि सरकार का छत्तीसगढ़ में फिलहाल कोई नई एपीआई विनिर्माण इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव नहीं है। हालांकि, उर्वरकों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रभावी रणनीतियों पर काम कर रही है जिसके तहत राज्यवार और महीनावार उर्वरक आवश्यकता का आकलन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा राज्य सरकारों के परामर्श से किया जाता है।

मासिक आपूर्ति योजना जारी करके उर्वरकों की निरंतर निगरानी की जाती है। एकीकृत उर्वरक निगरानी प्रणाली (आईएफएमएस) के माध्यम से सब्सिडी वाले उर्वरकों की देशभर में आवाजाही की निगरानी की जाती है। राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ साप्ताहिक वीडियो कांफ्रेंस आयोजित कर आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई की जाती है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति के तहत दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों के किसानों को भी पर्याप्त मात्रा में उर्वरक मिल रहा है, जिससे उन्हें खेती में कोई कठिनाई न हो।

उन्होंने यह भी आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों को सस्ते दामों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए और अधिक ठोस योजनाएं लाई जाएं ताकि राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

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