
राजस्व पखवाड़ा का आयोजन तीन चरणों में
दुर्ग- राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा राजस्व संबंधी समस्याओं के त्वरित निराकरण हेतु जिले के प्रत्येक ग्राम में राजस्व पखवाड़ा कार्यक्रम तिथि अप्रैल माह में 07 से 21 अप्रैल 2025, मई माह में 13 से 27 मई एवं जून माह में 16 जून से 30 जून 2025 तक निर्धारित की गई है।
छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग रायपुर द्वारा आयोजन हेतु समस्त कलेक्टर को प्रेषित पत्र के अनुसार राजस्व संबंधी समस्याओं के त्वरित निराकरण हेतु माह अप्रैल 2025 तक की कार्ययोजना इस प्रकार है – लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत लोक सेवाओं की अदायगी हेतु समय-सीमा में कार्यवाही।
अविवादित नामांतरण/अविवादित खाता विभाग के समय-सीमा के बाहर प्रकरणों का 30 अप्रैल तक शत-प्रतिशत निराकरण। सीमांकन, व्यपवर्तन, वृक्ष कटाई का समय सीमा से बाहर प्रकरणों का भी पूर्ण निराकरण करना। विवादित नामंतरण, विवादित खाता विभाग के समय सीमा के बाहर के प्रकरणों की त्वरित सुनवाई 30 अप्रैल 2025 तक शत-प्रतिशत निराकरण करना।
धारा-115 अंतर्गत अभिलेख त्रुटि हेतु आवेदन प्राप्त कर 30 अप्रैल 2025 तक शत-प्रतिशत निराकरण करना। सभी राजस्व न्यायालय में शून्य आदेश पत्र वाले प्रकरणों में 30 अप्रैल 2025 तक शत-प्रतिशत निराकरण करना। सभी राजस्व न्यायालय में दर्ज ऐसे प्रकरण जिनकी पेशी तिथि अद्यतन नहीं है, शत-प्रतिशत पेशी तिथि अद्यतन करना।
जनहानि-पशुहानि फसल क्षति से संबंधी आर.बी.सी. 6-4 के तहत प्राप्त आवेदनों का त्वरित निराकरण करना। अधीनस्त टेबल का निराकरण कर निरीक्षण प्रतिवेदन 30 अप्रैल 2025 तक कलेक्टर को उपलब्ध करना। धारा-115 के आवेदन पत्रों का परीक्षण कर अकारण की गई त्रुटियों के लिए जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए 30 अप्रैल 2025 तक अनुशासनात्मक कार्यवाही करना।
भू-अर्जन संबंधी प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण तथा भू-अर्जन प्रकरणों में लिये गये सेवा शुल्क की जानकारी अद्यतन किया जाना। स्वामित्व योजना अंतर्गत भारतीय सर्वेक्षण विभाग से प्राप्त मैप-02 का 30 अप्रैल 2025 तक प्रारंभिक प्रकाशन करना।
कोटवारों द्वारा विक्रय की गई कोटवारी/सेवाभूमि के विरूद्ध 30 अप्रैल 2025 तक समूचित कार्यवाही करना। वार्षिकी कृषि सांख्यिकीय सारणी तथा ऋतु एवं फसल प्रतिवेदन (जिंसवार) वर्ष 2024-25 का अप्रैल 2025 तक शत-प्रतिशत अद्यतन जानकारी उपलब्ध करना।
अभिलेख शुद्धता (संकलन हेतु शेष खसरे, विलोपन योग्य संदिग्ध खसरा, शून्य रकबा वाले खसरा, भूमिस्वामी विहिन खसरा, भूमिस्वामी के विवरण में स्पेशल कैरेक्टर युक्त खसरा संयुक्त खातेदार का नाम पृथक-पृथक दर्ज न होकर एक साथ दर्ज होने, त्रुटिपूर्ण खसरा भूमिस्वामी क्रमांक निर्धारण हेतु शेष खसरों की संख्या) अंतर्गत 30 अप्रैल 2025 तक शत-प्रतिशत निराकरण करना।
नक्शा बटांकन अंतर्गत अप्रैल माह में प्रत्येक तहसील में 05 प्रतिशत की प्रगति। भूमिस्वामी के खातों में आधार, मोबाईल नंबर किसान किताब एवं जेण्डर की प्रविष्टि 30 अप्रैल 2025 तक शत-प्रतिशत करना। शिविर में प्राप्त होने वाले आवेदनों जैसे-फौती, नामांतरण एवं बटवारा अभिलेख त्रुटि सुधार के प्रकरणों का मौके पर ही ऑनलाईन अपलोड पर हल्का पटवारी द्वारा प्रतिवेदन, पंचनामा आदि की प्रविष्टि एवं मौके पर ही ऑनलाईन अपलोड पर हल्का पटवारी द्वारा प्रतिवेदन, पंचनामा आदि की प्रविष्टि एवं मौके पर ही नोटिस ईश्तहार जारी कर पक्षकारों को तामिली कराना एवं 30 अप्रैल 2025 तक निराकरण करना। मौके पर बी-1 खसरा एवं किसान किताब के प्राप्त आवेदनों का शिविर स्थल पर निराकरण कराना।
आय, जाति, निवास संबंधी समस्त आदेवनों का शिविर स्थल पर ही लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से आनलाईन प्रविष्टि एवं समय-सीमा में शत-प्रतिशत निराकरण करना। धारा-115 के आवेदनों को शिविर में प्राप्त करना। शिविर में प्राप्त होने वाले आवेदनों एवं उन पर कार्यवाही की जानकारी प्रत्येक दिवस निर्धारित प्रपत्र में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग कार्यालय को उपलब्ध कराना है।
विज्ञापित पद में कटौती, 2 के बदले 1 मान्य
दुर्ग / राज्य शासन के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले में जिला स्तरीय महिला सशक्तिकरण केन्द्र हब हेतु वित्तीय साक्षरता एवं समन्वय विशेषज्ञ के 2 पदों पर भर्ती की कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था, किन्तु महिला एवं बाल विकास विभाग संचालनालय रायपुर द्वारा विगत 3 दिसंबर 2024 को जारी पत्र के अनुसार 2 पदों के स्थान पर 1 ही पद को भरे जाने के निर्देश दिए गए है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री आर.के. जाम्बुलकर के अनुसार विभाग द्वारा 6 अक्टूबर 2023 को जारी भर्ती विज्ञापन में वित्तीय साक्षरता एवं समन्वय विशेषज्ञ के 2 पद के स्थान पर 1 पद पड़ा जाये, 1 ही पद पर नियुक्ति की कार्यवाही की जाएगी। विज्ञापन की विस्तृत जानकारी जिले की वेबसाइट www.durg.gov.in व कार्यालय के सूचना पटल में देखी जा सकती है।
जिला स्तरीय चयन समिति की बैठक 19 मार्च को
दुर्ग / मिशन वात्सल्य के अंतर्गत जिला स्तर पर शासकीय बाल देख-रेख संस्थाओं तथा किशोर न्याय बोर्ड/बाल कल्याण/बालक कल्याण समिति, चाईल्ड हेल्पलाईन यूनिट एवं रेल्वे स्टेशन पर चाईल्ड हेल्पलाईन डेस्क हेतु जारी रिक्त पदों के पद पूर्ति हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों की विभागीय चयन समिति द्वारा स्कूटनी/परीक्षण के उपरांत आवेदकों की पात्र-अपात्र सूची दावा-आपत्ति जारी किये जाने हेतु ।
जिला स्तरीय चयन समिति की बैठक 19 मार्च 2025 को प्रातः 11 बजे कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला दुर्ग के प्रेरणा सभाकक्ष में आयोजित की गई है। समिति के सभी सदस्यों को उक्त बैठक में उपस्थिति हेतु अनुरोध किया गया है।
खनिज क्षेत्र में पारदर्शिता और नवाचार का नया अध्याय: खनिज प्रबंधन में डिजिटल युग की नई शुरुआत
दुर्ग / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पारदर्शी खनन नीति, ई-नीलामी, डिजिटल निगरानी और पर्यावरण-संवेदनशील खनन रणनीतियों को अपनाकर प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नए आयाम दिए हैं। खनिज संसाधनों के सुव्यवस्थित उत्खनन के चलते बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ के खनिज राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है।
राज्य के गठन के समय की तुलना में खनिज राजस्व में 30 गुना वृद्धि हुई है, जो 2023-24 में 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और 2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक ही 11,581 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जा चुका है। यह पारदर्शी खनन नीति और प्रभावी प्रशासन का परिणाम है।
अब तक 44 खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी सफलतापूर्वक की जा चुकी है, जिसमें अब तक चूना पत्थर के 14, लौह अयस्क के 9, बॉक्साइट के 11, स्वर्ण के 3, निकल, क्रोमियम के 2, ग्रेफाइट के 2, ग्लूकोनाइट के 2 और लिथियम के 1 खनिज ब्लाक की निलामी की गई है।
प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स की सफलतापूर्वक नीलामी
भारत सरकार द्वारा देश के आर्थिक एवं सामरिक विकास को ध्यान में रखते हुए क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के लिए राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा जनवरी, 2025 में की गई है। इस के अनुरूप प्रदेश में विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 से ही क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के अन्वेषण / खोज पर विशेष ध्यान दिया गया है।
जिसके तहत 56 अन्वेषण परियोजनाओं में से 31 परियोजनाओं अंतर्गत क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स पर कार्य किये जा रहे है। प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स जिसमें लिथियम का 1, स्वर्ण का 3, निकल, क्रोमियम का 2, ग्रेफाइट का 2 ग्लूकोनाइट के 2 मिनरल ब्लॉक की नीलामी की गई है।
देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी की कार्यवाही भारत सरकार द्वारा की गई है जिसके तहत् जिला कोरबा के कटघोरा लिथियम ब्लॉक को मेसर्स साउथ मायकी मायनिंग कंपनी को 76 प्रतिशत प्रीमियम राशि पर आबंटित किया गया है। राज्य के सुकमा एवं कोरबा जिले में भी लिथियम अन्वेषण कार्य किया जा रहा है जिसमें लिथियम के भण्डार पाये जाने की पूर्ण संभावना है।
बैलाडीला लौह अयस्क: भारत के खनन क्षेत्र का मजबूत स्तंभ
बैलाडीला क्षेत्र भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क भंडारों में से एक है। यहां तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा किया जाएगा। इसके अलावा कांकेर जिले के हाहालद्दी लौह अयस्क खनिज ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
पर्यावरण संतुलन और पारदर्शी निगरानी प्रणाली
पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए खनन क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और वैज्ञानिक रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने कई नई पहल की हैं। सेटेलाइट इमेजरी और माइनिंग सर्विलियेंस सिस्टम के माध्यम से अवैध खनन की निगरानी की जा रही है। गौण खनिज खानों में सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति से खनन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार बेहतर कार्य करने वाले पट्टेधारियों को ‘स्टार रेटिंग’ प्रणाली के तहत प्रोत्साहित कर रही है।
खनिज राजस्व से सामाजिक विकास और बुनियादी सुविधाओं में निवेश
खनिज राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्रदेश के सामाजिक विकास में निवेश किया जा रहा है। जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त हुई है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और कौशल विकास सहित 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। इससे खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हो रहा है।
खनिज अन्वेषण कार्यों का विस्तार और नई परियोजनाएँ
राज्य सरकार ने चूना पत्थर, बॉक्साइट, लौह अयस्क और ग्रेफाइट सहित कुल 13 खनिज परियोजनाओं में अन्वेषण कार्य शुरू किया है। प्रारंभिक सर्वेक्षणों में चूना पत्थर के 283 मिलियन टन, लौह अयस्क के 67 मिलियन टन और बॉक्साइट के 3 लाख टन भंडार का अनुमान लगाया गया है।
स्वर्ण, ग्रेफाइट और ग्लूकोनाइट जैसे खनिजों की खोज भी की जा रही है, जिससे राज्य के खनन क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, सूरजपुर जिले के जाजावल क्षेत्र में यूरेनियम ब्लॉक के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। कोल बेड मीथेन पूर्ववर्ती कोरिया जिले में वेदांता लिमि. एवं ऑईलमैक्स को पेट्रोलियम अन्वेषण लायसेंस स्वीकृत किया गया है।
मैंगनीज ओर इंडिया लि. (मोईल) द्वारा सीएमडीसी के साथ प्रदेश में प्रथम बार बलरामपुर क्षेत्र में खनिज मैगनीज का भंडार चिन्हित किया गया है। मुख्य खनिजों के लिए अन्वेषण हेतु केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की गई है। इसी तर्ज पर खनिज विभाग द्वारा राज्य के गौण खनिजों के व्यवस्थित विकास एवं अन्वेषण के लिए राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश के समृद्ध राज्यों में से एक है। कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, बॉक्साइट, स्वर्ण, निकल, क्रोमियम और प्लेटिनम समूह के तत्व सहित कुल 28 प्रकार के खनिजों की प्रचुरता ने इस राज्य को देश के खनन क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में ला खड़ा किया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों, सतत विकास की रणनीतियों और कुशल प्रशासनिक प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ भारत के अग्रणी औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। खनिज संपदा के माध्यम से प्रदेश न केवल आर्थिक मजबूती प्राप्त कर रहा है, बल्कि हरित और सतत विकास की दिशा में भी अग्रसर हो रहा है। आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध खनिज संपदा और रणनीतिक पहल के साथ भारत के माइनिंग हब के रूप में अपनी पहचान और अधिक सशक्त करेगा।
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