
ज़मीन फर्जीवाड़े का मामला: ऐसे हुआ खुलासा
दुर्ग जिले के वैशाली नगर थाना पुलिस को शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन रजिस्ट्री करने वाले गिरोह के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। इस मामले में मुख्य आरोपी संतोष नाथ उर्फ जलंधर, जो भिलाई नगर के वार्ड 34 का वर्तमान पार्षद है, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस मामले में पीड़ित देवनाथ गुप्ता ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि कार्तिक नंद शर्मा, पुरुषोत्तम उर्फ अरविंद भाई, राजेंद्र सोनी और हरिश राठौर ने मिलकर धोखाधड़ी करते हुए कोहका वार्ड नंबर 14, बाबादीप सिंह नगर की 1000 वर्गफीट और 2500 वर्गफीट जमीन पर फर्जी दस्तावेज बनाकर उसे हड़प लिया।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 और 120-बी भादवि के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा
जांच के दौरान यह सामने आया कि संतोष नाथ उर्फ जलंधर और उसके साथी ब्रिज बिहारी व एन. धनराजु ने मिलकर सरकारी जमीन को निजी संपत्ति साबित करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए।
इसके तहत:
✅ पुरुषोत्तम डोंगरे को अरविंद भाई के रूप में पेश कर फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल किया गया।
✅ फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाकर इसे जमीन सौदे में उपयोग किया गया।
✅ जमीन की रजिस्ट्री संतोष नाथ उर्फ जलंधर, एन. धनराजु, उसकी पत्नी रिंकी सिंह और ममता नामक महिला के नाम पर करवाई गई।
✅ रजिस्ट्री में फर्जी रकम का उल्लेख कर धोखाधड़ी को छिपाने की कोशिश की गई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई, पार्षद समेत मुख्य आरोपी गिरफ्तार
जमीन घोटाले की गंभीरता को देखते हुए दुर्ग पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला, एएसपी सुखनंदन राठौर और सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी के निर्देश पर थाना प्रभारी अमित कुमार अंदानी के नेतृत्व में कार्रवाई की गई।
✅ संतोष नाथ उर्फ जलंधर को 10 मार्च 2025 को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।
✅ आरोपी वैशाली नगर थाना क्षेत्र में पहले से दर्ज जमीन फर्जीवाड़ा के एक अन्य मामले (अपराध क्रमांक 61/2023) में भी शामिल पाया गया।
पुलिस की सतर्कता से बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया
वैशाली नगर पुलिस टीम की सतर्कता से सरकारी और निजी जमीनों के फर्जीवाड़े का यह बड़ा मामला उजागर हुआ। इस कार्रवाई के बाद अन्य पीड़ितों से भी अपनी जमीनों से जुड़े दस्तावेजों की जांच कराने की अपील की जा रही है।
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