छत्तीसगढ़दुर्ग

संभागायुक्त श्री राठौर ने अपराधी को केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध करने दिये आदेश…

दुर्ग / दुर्ग संभाग के आयुक्त एवं निरूद्धकर्ता प्राधिकारी सत्यनारायण राठौर ने पुलिस अधीक्षक दुर्ग के प्रतिवेदन पर स्वापक, औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ, अवैध व्यापार, निवारक अधिनियम-1988 की धारा-3 सहपठित धारा-11 के तहत आदेश पारित कर लक्की महार पिता स्व. सोहन महार निवासी शिवपारा दुर्ग तहसील व जिला दुर्ग को 06 माह के लिए केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध करने हेतु आदेशित किया है।

24 फरवरी 2025 को आदेश पारित के पूर्व संभाग आयुक्त द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत जवाब/तर्क, न्याय दृष्टांतों एवं शपथपूर्वक कथन का अध्ययन तथा प्रकरण में प्रस्तुत ईश्तगासा मय दस्तावेजों का अवलोकन किया गया। तथ्य के अनुसार कोतवाली थाना दुर्ग में लक्की महार के विरूद्ध वर्ष 2023 एवं 2024 में लगातार नारकोटिक्स एक्ट के कुल 02 मामले एवं आर्म एक्ट का मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई है।

इसके अलावा अनावेदक के विरूद्ध मारपीट के 02 मामले तथा समय-समय प्रतिबंधात्मक मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई है। अनावेदक के विरूद्ध दर्ज नारकोटिक्स एक्ट का मामला सीजेएम न्यायालय दुर्ग में विचाराधीन है। लक्की जेल से जमानत पर छूट जाने के पश्चात् लगातार आपराधिक गतिविधियों पर संलग्न रहा है तथा उसकी प्रवृत्ति में कोई सुधार प्रतीत नही होता है।

वर्तमान में भी अनावेदक के विरूद्ध गांजा सहित अन्य मादक पदार्थ बेचने की शिकायत लगातार मिलती रही है। अनावेदक के जमानत पर न्यायालय से छूट जाने से उसका मनोबल बढ़ता जा रहा है। आपराधिक गतिविधियों से समाज में रहने से विपरीत प्रभाव पड़ने से संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, ऐसी स्थिति में प्रकरण में आये प्रतिवेदन, जवाब, साक्षियों के बयान एवं तर्क के आधार पर लक्की महार को जेल में निरूद्ध किया जाना आवश्यक है।

ज्ञात हो कि पुलिस अधीक्षक दुर्ग के प्रतिवेदन के अनुसार आरोपी लक्की महार के द्वारा आदतन अपराध घटित होने के कारण उस पर अंकुश लगाने प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत उस पर कार्यवाही की गई। इसके बावजूद भी इसकी आदतों में कोई सुधार परिलक्षित नहीं हुआ, बल्कि ये अपराधी बन गया है।

आम जनता में इसके आतंक से भय व्याप्त हो गया है। लोग इसके विरूद्ध रिपोर्ट करने की साहस करना तो दूर, इसकी उपस्थिति की सूचना देने तक के लिए घबराते हैं। अनावेदक के विरूद्ध पुलिस द्वारा आपराधिक एवं प्रतिबंधात्क कार्रवाई कर पृथक-पृथक न्यायिक दण्डाधिकारी एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी के न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किये गये।

इसके भय एवं आतंक के कारण कोई भी जनसाधारण न्यायालय में गवाही देने से बचता है। यहीं कारण है कि अपराध करने के बाद भी कुछ दिन जेल में रहकर छूट जाता है और पुनः आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हो जाता है। संभाग आयुक्त एवं निरूद्धकर्ता प्राधिकारी श्री राठौर ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए 24 फरवरी 2025 को न्यायालयीन आदेश पारित कर मादक पदार्थों की बिक्री में संलिप्त लक्की महार को केन्द्रीय जेल दुर्ग में 06 माह के लिए निरूद्ध करने के आदेश दिये हैं।

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