प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्न्यन योजना अंतर्गत ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित
दुर्ग / भारत सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्यम मंत्रालय ने एक पैकेज सहायता तथा सेवाओं के माध्यम से (पीएमएफएमई) प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना प्रारंभ की गई हैं। इच्छुक हितग्राहियों से योजना अंतर्गत ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित की गई है।
जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के मुख्य महाप्रबंधक सीमोन एक्का से मिली जानकारी अनुसार इस योजना का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण एकल उद्यमी, एफपीओ, स्व सहायता समूह एवं सहकारिता को बैंक के माध्यम से क्रेडिट लिंक्ड पूंजी सब्सिडी दिया जाना है।
इस योजना के तहत नवीन एवं मौजूदा दोनों उद्यमी को पात्र परियोजना लागत का 35 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख तक छूट का प्रावधान है। हितग्राही स्वयं का योगदान 10 प्रतिशत एवं शेष राशि बैंक के माध्यम से ऋण प्रदाय किया जाएगा।
इसमें सभी प्रकार के खाद्य सामग्री वनोपज पर आधारित निर्मित उत्पाद जैसे-आचार, ब्रेड, चिप्स, जूस (फूट जूस) नमकीन/मिक्चर, सत्तू, पनीर, पोटेटो फ्रेंच फाई, मिर्ची पावडर उत्पादन, मैगी, चूड़ा, सांस, आईस निर्माण, मिल्क प्लांट, मछली आहार, कार्बाेनेट वाटर, नूडल्स, धनिया पाउडर, मिठाई, तिलकुट, चटनी, पापड़, बिस्कुट, कुरकुरे, साबुदाना, सेवई, दाल, गजक, हल्दी पाउडर, गरम मसाला, उपमा, ड्राई फुट, पास्ता/मेक्रोनी, धान मिल, केक, घी, मुर्गी आहार, आटा चक्की उद्योग, गुड़ उत्पादन, ड्राई प्याज, चॉकलेट, ओट्स (दलिया), मिश्री दाना, बड़ी, चनाचूर, जैम/जैली, पेठा, आईसकेण्डी, पेड़ा, चिकी, मसाला, पोहा, चना भुजा, कैचअप, मूढ़ी, तेल मिल, टोस्ट, पशु आहार, मशरूम उत्पादन, मखाना, सोयाबीन का पनीर निर्माण, लहसुन प्याज अदरक पेस्ट निर्माण, पॉपकार्न, स्नेक्स (मक्रेन), बतासा निर्माण व अन्य खाद्य संबंधित उत्पादों को योजना के तहत लाभ प्रदान किया जाएगा।
इच्छुक हितग्राही योजनांतर्गत योजना की वेबसाईट www.pmfme.mofpi.gov.in/pmfme/#/login पर जाकर ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। विस्तृत जानकारी हेतु कार्यालय, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, मालवीय चौक, दुर्ग एवं दूरभाष क्रमांक 9981140733 पर संपर्क कर सकते है।
नगरीय निकायों के वार्ड आरक्षण की कार्यवाही हेतु, जिले के कलेक्टर होंगे विहित अधिकारी
दुर्ग / राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ नगर पालिका (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं महिलाओं के लिए वार्डों का आरक्षण) नियम-1994 के नियम-05 के अंतर्गत प्रदेश के नगर पालिक निगम/नगर पालिका परिषद/नगर पंचायतों के वार्डों के आरक्षण की कार्यवाही हेतु संबंधित जिले के कलेक्टर को विहित अधिकारी नियुक्त किया गया है।
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