छत्तीसगढ़भिलाई

बीएसपी के रिफ्रैक्टरी इंजीनियरिंग विभाग में ई-वेस्ट प्रबंधन पर सत्र आयोजित…

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के पर्यावरण प्रबंधन विभाग के सहयोग से रिफ्रैक्टरी इंजीनियरिंग विभाग (आरईडी) द्वारा 07 दिसंबर 2024 को आरईडी कॉन्फ्रेंस हॉल में ई-वेस्ट प्रबंधन पर एक सत्र आयोजित किया गया। ई-वेस्ट प्रबंधन सत्र में आरईडी के सभी अनुभागों के अधिकारियों और कर्मियों के साथ-साथ संविदा श्रमिकों सहित विभागीय कर्मचारियों ने भाग लिया।

यह आयोजन आरईडी में चल रहे पर्यावरण जागरूकता माह के अंतर्गत विभागाध्यक्ष और मुख्य महाप्रबंधक (आरईडी) प्रोसेनजीत दास के मार्गदर्शन में किया गया था।सत्र के दौरान , ई-वेस्ट प्रबंधन के लिए बीएसपी के दिशानिर्देश और प्रक्रियाओं के साथ-साथ ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2022 के अनुसरण में भारत सरकार द्वारा परिभाषित भूमिका और जिम्मेदारियों को विस्तार से समझाया गया।

इस अवसर पर सरकार द्वारा 2023-24 से 2028-29 तक निर्धारित ई-वेस्ट पुनर्चक्रण लक्ष्य पर आधारित योजनाओं की भी जानकारी साझा की गई। इस सत्र के दौरान क्या करें और क्या न करें तथा इलेक्ट्रॉनिक और विद्युत सामग्री के स्मार्ट रखरखाव के माध्यम से ई-वेस्ट के उपभोग और क्रमिक उत्पादन को कम करके विवेकपूर्ण ई-वेस्ट प्रबंधन में योगदान करने के तरीकों पर चर्चा की गई।

प्रारंभ में, 19 नवंबर 2024 से 18 दिसंबर 2024 तक सेल-बीएसपी में आरईडी पर्यावरण जागरूकता माह के तहत आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों की संक्षिप्त जानकारी साझा की गई। उल्लेखनीय है कि चौथे ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर (जीईएम) पर संयुक्त राष्ट्र संगठन के पूर्वानुमान के अनुसार, ई-वेस्ट के प्रलेखित संग्रह (डोक्यूमेंटेड कलेक्शन) और पुनर्चक्रण दर (रिसायकलिंग रेट) में 2022 में 22.3% से 20% तक की वैश्विक गिरावट हो सकती है।

इस पूर्वानुमान को रिफ्रैक्टरी इंजीनियरिंग विभाग (आरईडी) में ई-वेस्ट प्रबंधन पर सत्र के दौरान दर्शकों के साथ साझा किया गया। सहायक महाप्रबंधक (आरईडी) अमित रॉय ने वरिष्ठ प्रबंधक (पर्यावरण प्रबंधन) मोहित कुमार और उप प्रबंधक (मानव संसाधन) सुश्री शालिनी चौरसिया की उपस्थिति में सत्र का संचालन किया।

इस दौरान उपस्थित लोगों ने कहा कि सभी शहरों में एक रिसाइकिलिंग फैक्ट्री होनी चाहिए या कम से कम एक निश्चित डस्टबिन या स्थान होना चाहिए, जहाँ ई-वेस्ट इकट्ठा किया जा सके। सरकार द्वारा पंजीकृत ई-कचरा रिसाइकलर इकाइयों के संपर्क नंबर सभी को पता होने चाहिए, ताकि अंतिम उपयोगकर्ता से रिसाइकलर तक ई-वेस्ट संग्रह को सुव्यवस्थित किया जा सके।

इस कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागियों ने कहा कि दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते ठोस कचरे में से एक के रूप में ई-वेस्ट की जानकारी हमारे परिवारों और समुदायों के साथ साझा की जानी चाहिए, ताकि इस विषय के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके और हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण को ई-वेस्ट के खतरों से सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक निवारक कार्रवाई की जा सके।

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