दुर्ग – दिनांक 04.12.2024 को पुलिस मुख्यालय, नया रायपुर स्थित साइबर भवन के उद्घाटन समारोह में माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन विष्णु देव साय ने ‘सशक्त एप’ का शुभारंभ किया था। जिसको जिला दुर्ग पुलिस द्वारा चेकिंग के दौरान उपयोग में लाया जा रहा था।
एप के उपयोग के प्रथम दिवस पर ही चोरी हुए वाहन को बरामद करने में सफलता प्राप्त हुई है। दुर्ग पुलिस ने रेलवे स्टेशन परिसर में चेकिंग अभियान के दौरान चोरी की एक मोटरसाइकिल बरामद की। यह कार्रवाई पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज राम गोपाल गर्ग के निर्देश पर गठित टीम द्वारा की गई।
इस टीम का नेतृत्व उपनिरीक्षक डॉ. संकल्प राय, जो सशक्त एप्लिकेशन के नोडल अधिकारी हैं और थाना मोहन नगर के प्रभारी उप निरीक्षक पारस सिंह ठाकुर ने किया। टीम में एएसआई मोतीलाल महिलवार, कांस्टेबल 957 केशव साहू, कांस्टेबल 1806 तारकेश्वर साहू, कांस्टेबल 48 शकील खान और कांस्टेबल 1712 एमन चंद्राकर शामिल थे।
सशक्त एप्लिकेशन की मदद से सफलता
चेकिंग के दौरान लगभग 350 वाहनों की जांच की गई। सशक्त एप्लिकेशन के माध्यम से इन वाहनों के इंजन नंबर, चेसिस नंबर और पंजीयन नंबर मिलान किए गए। इस प्रक्रिया के दौरान एक मोटरसाइकिल पैशन प्रो (CG07AV4328) को चोरी का पाया गया। वाहन का नंबर प्लेट बदला हुआ था, लेकिन वाहन पर अंकित चेसिस नंबर के माध्यम से इसे पहचान लिया गया।
वाहन मालिक की जानकारी
यह मोटरसाइकिल जेवरा सिरसा, जिला दुर्ग निवासी थी। वाहन 12 जून 2024 को जिला अस्पताल के पास से चोरी हो गई थी और इसकी रिपोर्ट 16 जून 2024 को दर्ज की गई थी। आईजी दुर्ग रेंज राम गोपाल गर्ग के विशेष प्रयास से विकसित किया गया है सशक्त एप।
इस एप को आईजी दुर्ग रेंज राम गोपाल गर्ग के विशेष प्रयास से विकसित किया गया है, जिसका उद्देश्य पुलिसकर्मियों को चोरी हुए वाहनों का डेटा एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराना है। अब छत्तीसगढ़ राज्य के प्रत्येक जिले में पुलिस जवान इस एप का उपयोग कर चोरी हुए वाहनों की जानकारी एक क्लिक पर प्राप्त कर सकेंगे।
दुर्ग पुलिस की सतर्कता और सशक्त एप्लिकेशन की उपयोगिता से चोरी की वाहन की बरामदगी संभव हो पाई है। इस कार्रवाई से यह साबित हुआ कि आधुनिक तकनीक और कुशल पुलिसिंग का समन्वय अपराध नियंत्रण में कितना प्रभावी हो सकता है।
पुलिस महानिरीक्षक ने टीम की प्रशंसा करते हुए इसे भविष्य के अभियानों के लिए प्रेरणा बताया। सशक्त एप्लिकेशन के सफल उपयोग ने न केवल वाहन की बरामदगी में मदद की बल्कि पुलिसिंग में तकनीकी नवाचार की उपयोगिता को भी प्रमाणित किया।
संपूर्ण खबरों के लिए क्लिक करे