सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग (सी.एस.आर) और छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में आदर्ष इस्पात ग्राम धौराभाठा, विकासखंड पाटन, जिला दुर्ग (छत्तीसगढ़) में महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से तीन माह तक बांस हस्तशिल्प कला का प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन 26 नवम्बर 2024 को सहायक महाप्रबंधक (मानव संसाधन) सुश्री जीएमवी पद्मिनी कुमार के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के प्रबंधक सी एस केहरी, ग्राम पंचायत धौराभाठा की सरपंच श्रीमती बिन्देश्वरी मेश्राम, उप प्रबंधक (सीएसआर) कमलकांत वर्मा सहित प्रशिक्षु महिलाएं एवं ग्रामीण उपस्थित थे। समारोह में प्रशिक्षु महिलाओं को बांस हस्तशिल्प कला का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
मुख्य अतिथि सहायक महाप्रबंधक (मानव संसाधन) सुश्री जीएमवी पद्मिनी कुमार ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में सभी कठिनाइयों पर समाधान पाकर आगे बढ़ने की क्षमता नारियों में होती है। उन्होंने सभी महिलाओं को अपनी शिक्षा पूर्ण कर स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर होने के लिए प्रेरित किया।
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड से संयोजन प्रमुख सी एस केहरी ने प्रशिक्षण शिविर आयोजन के उददेश्य को रेखांकित करते हुए बांस हस्तशिल्प कला से संबंधित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला। उप प्रबंधक (सीएसआर) कमलकांत वर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि महिलाएं इस शिल्प कला का उपयोग कर अपने परिवार का आर्थिक रूप से सहयोग करने में सक्षम हो पाएंगी।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत तीन महीने की अवधि तक 30 प्रशिक्षु महिलाओं को 3,000 रुपये मासिक स्टाइपेड (मानदेय) भी प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन सीएसआर विभाग के श्री सोनी द्वारा तथा संयोजन बुधेलाल द्वारा किया गया।
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