भिलाई- अप्रैल 2023 में राष्ट्रीय मान्यता केंद्र, नई दिल्ली से “नेशनल बीएफएचआई (ब्रेस्ट फीडिंग फ्रेंडली हॉस्पिटल इनिशिएटिव)” मान्यता प्रमाण पत्र प्राप्त करने की ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद, सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के जेएलएन अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के पीडियाट्रिक्स और न्यूटोलॉजी विभाग ने एक और अग्रणी पहल शुरू की है। इस पहल के तहत, विभिन्न सेल संयंत्रों से आए प्रतिभागियों के लिए एक चार दिवसीय विशेष “हैंड्स-ऑन स्किल ट्रेनिंग वर्कशॉप” का आयोजन किया गया।
जिसका उद्देश्य विभिन्न सेल (SAIL) प्लांट्स के स्वास्थ्य कर्मचारियों को स्तनपान के प्रति जागरूक करना और उन्हें इस दिशा में आवश्यक कौशल प्रदान करना था। यह कार्यशाला स्तनपान को प्रोत्साहित करने और इसके महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह कार्यशाला भारत सरकार के MAA (मातृत्व पूर्ण स्नेह) कार्यक्रम के सिद्धांतों पर आधारित है।
यह कार्यक्रम 18 से 21 नवंबर 2024 तक बीएमडीसी और सेक्टर 9 स्थित जेएलएनएचआरसी, भिलाई में आयोजित किया जा रहा है।
आपसी विकास, अंतर-संस्थागत नेटवर्किंग और कार्यनीति विकसित करने की प्रेरणा के रूप में, इस कार्यशाला का बड़ा प्रभाव पड़ेगा। इस कार्यशाला में विभिन्न सेल प्लांट्स से प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
जिसमें इस्पात जनरल चिकित्सालय (आईजीएच) राउरकेला, बोकारो जनरल अस्पताल, दुर्गापुर मुख्य अस्पताल और इस्को अस्पताल, बर्नपुर के प्रतिनिधि और जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र, भिलाई के प्रसूति/स्त्री रोग और शिशु रोग विशेषज्ञ, वरिष्ठ सलाहकार, पीजी रेजिडेंट डॉक्टर और नर्स भाग ले रहे हैं। साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, जिला दुर्ग के स्वास्थ्य कर्मचारी भी भाग ले रहे हैं।
राष्ट्रीय बीपीएनआई प्रशिक्षकों (पूर्व चिकित्सा निदेशक, दुर्गापुर स्टील प्लांट) डॉ. ओमेश खुराना, (सदस्य सचिव, विशेषज्ञ सलाहकार समूह, बीपीएनआई) डॉ. संगीता रानी, (कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन, गोरखपुर) डॉ. बी. बी. गुप्ता और (सहायक प्रोफेसर, सरकारी नर्सिंग कॉलेज, दुर्ग) श्रीमती सपना ठाकुर ने वैज्ञानिक सत्रों और गहन चर्चा के माध्यम से स्वास्थ्य पेशेवरों को स्तनपान समर्थन उपकरणों और नवजात शिशु देखभाल के सर्वोत्तम अभ्यासों पर विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला सत्रों में प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी गुणवत्तापूर्ण नवजात सेवाओं के प्रति उनके समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
कार्यशाला का उद्घाटन कार्यपालक निदेशक (एम एंड एचएस) डॉ. रविंद्रनाथ एम. ने किया। डॉ. रविंद्रनाथ एम. ने कामकाजी माताओं के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करते हुए स्तनपान के बारे में सहायक वातावरण, स्वायत्तता और साक्ष्य-आधारित जानकारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि जेएलएन अस्पताल और आरसी आईएमएस अधिनियम 1972, संशोधन 2003 का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सलाहकार समिति के सदस्य, सीएमओ (एम एंड एचएस) डॉ विनीता द्विवेदी, सीएमओ (एम एंड एचएस) डॉ कौशलेंद्र ठाकुर और डॉ सौरव मुखर्जी ने ई-दीप प्रज्ज्वलन समारोह का मार्गदर्शन किया। समारोह के सम्मानीय अतिथि, महाप्रबंधक (सीएसआर) शिवराजन नायर और महाप्रबंधक (एचआरडी) संजीव श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थे।
आयोजन सचिव, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं विभागाध्यक्ष (बाल रोग एवं नवजात विज्ञान विभाग) डॉ. संबिता पांडा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि सुरक्षा, गुणवत्ता और पोषण देखभाल प्रत्येक नवजात शिशु का जन्मसिद्ध अधिकार है। उन्होंने बीपीएनआई के i-Decide पोर्टल के महत्व को भी रेखांकित किया, जो माताओं को शिशु आहार के बारे में अद्यतन जानकारी प्रदान करता है।
तकनीकी कार्यक्रम समन्वयक, वरिष्ठ सलाहकार डॉ. माला चौधरी ने राष्ट्रीय बीपीएनआई टीम के साथ डॉ. रविंद्रनाथ एम., डॉ. एन एस ठाकुर, डॉ. एस के साहा, डॉ. मीता सचदेव, डॉ. संजीबनी पटेल, डॉ. नूतन वर्मा, डॉ. कौशिक किशोर, डॉ. सीमा वर्मा, डॉ. सुभास्मिता पटनायक, डॉ. रुचिका ताम्रकार और डॉ. आनंद मोहन विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में वैज्ञानिक पाठ्यक्रम और क्लिनिकल सत्रों का सफलतापूर्वक समन्वय किया।
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