
भिलाई- सुपेला भिलाई में पिछले 24 वर्षों से श्री राधे कृष्णा नाम जप अलौकिक महायज्ञ एवं प्रभात फेरी संस्था द्वारा निरंतर प्रभात फेरी आयोजित की जा रही है। यह परंपरा 7 नवम्बर 2000 को स्वर्गीय श्री दिनेश वैष्णो द्वारा मौन व्रत के साथ शुरू की गई थी। उनका उद्देश्य था प्रभु के नाम का जप करना, धर्म का प्रचार करना और सभी को एक साथ लेकर चलना। यह परंपरा आज भी जीवित है।
प्रभात फेरी का मार्ग और उद्देश्य
प्रभात फेरी की शुरुआत सुपेला स्थित हनुमान मंदिर से होती है, जो विभिन्न मोहल्लों से होते हुए सुपेला शीतला माता मंदिर तालाब परिसर में समाप्त होती है। इस कार्यक्रम में महिलाएं और पुरुष सुबह 5:00 बजे एकत्रित होते हैं और भक्ति भाव से गाते-बजाते हुए चलते हैं। उनका नारा होता है, “हैलो हाय छोड़िए, राधे कृष्णा बोलिए।”
स्वर्गीय श्री वैष्णो की याद में उनकी पत्नी निभा रही हैं जिम्मेदारी
स्वर्गीय दिनेश वैष्णो के निधन के बाद उनकी पत्नी श्रीमती उमा वैष्णव ने इस कार्य का दायित्व संभाला। उनका मानना है, “हम सब निरोग हैं क्योंकि प्रभु का भजन करते हुए सुबह की ताजगी को महसूस करते हैं। यह सुबह की हवा लाख टके की दवा है।”
भारत विकास परिषद ने किया सम्मान
भारत विकास परिषद के भिलाई इकाई के समन्वयक अनिल डागा ने जब इस संस्था की गतिविधियों के बारे में सुना, तो परिषद के अन्य सदस्य – नितेश ठाकुर, बी एन पांडे, राकेश साहू, और अजय शुक्ला ने मिलकर सुपेला शीतला माता मंदिर तालाब परिसर में जाकर महिलाओं का सम्मान किया। उन्होंने सभी को दीवार घड़ी, वैदिक मंत्र स्तोत्र कैलेंडर, राधे कृष्णा पटका, मिठाई, भजन की किताब आदि उपहार स्वरूप दी।
महिलाओं का नियमित योगदान
प्रभात फेरी में प्रतिदिन भाग लेने वाली प्रमुख महिलाएं – श्रीमती रुक्मणी ठाकुर, लता साहू, जोगेश्वरी, मंजुला ताम्रकार, साधना कौशिक, लता यादव, और अन्य महिलाएं इसे नियमित रूप से संचालित कर रही हैं। कोरोना काल के दौरान भी इस परंपरा का पालन जारी रहा, और सभी सदस्य स्वस्थ रहे।
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