छत्तीसगढ़

बेरोजगारी की वजह से पंडो जनजाति के युवक की जान गयी या बीमारी की वजह से

बेरोजगारी की वजह से. छत्तीसगढ़ में पंडो जनजाति के लोगों की लगातार मौतें हो रही हैं. आंकड़े जिले में बढ़ती जा रही है. एक युवक की फिर मौत हो गई है. युवक की मौत आर्थिक तंगी, बेरोजगारी और शासकीय योजनाओं की कमी के कारण हुई है. बेरोजगारी की वजह से पंडो युवा को रोजगार के रूप में दलाल मिला औऱ उसको रोजगार के नाम में मौत नसीब हुई.

दरअसल,  बलरामपुर जिले के रामचन्द्रपुर विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत महादेवपुर के तेवरी पारा में विगत एक माह के भीतर दो पंडो जनजाति युवाओं की मौत हो गई. वहीं यह युवक घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने के कारण वह मजदूरी करने के लिए चेन्नई चला गया था.

बेरोजगारी की वजह से पंडो जनजाति के युवक की जान गयी या बीमारी की वजह से बेरोजगारी की वजह से पंडो जनजाति के युवक की जान गयी या बीमारी की वजह से बेरोजगारी की वजह से पंडो जनजाति के युवक की जान गयी या बीमारी की वजह से बेरोजगारी की वजह से पंडो जनजाति के युवक की जान गयी या बीमारी की वजह से

मिली जानकारी के मुताबिक वहां कई महीनों काम करने के बाद भी उसे पैसे नहीं मिले, तो वहां से हैदराबाद निकल गया. जहां पर युवक की तबीयत खराब हो गई, जब युवक कुछ ठीक हुआ तो उसे लेकर उसके मित्र वापस घर लौटने लगे. जब वे रायपुर से अम्बिकापुर के लिए निकले तो युवक की रास्ते में ही मौत हो गई.

इस बात की जानकारी बस कंडक्टर को हुई, तो कंडक्टर ने अमानवीय व्यवहार करते हुए अम्बिकापुर के पास उन्हें बस से उतार दिया. इतना ही नहीं यात्रा के लिए पैसे देकर टिकट लिया था, उसे भी छीन लिया. उसके साथी किसी तरह उसके शव को लेकर घर आए.  उसका परिजनों ने अंतिम संस्कार किया.

बेरोजगारी की वजह से पंडो जनजाति के युवक की जान गयी या बीमारी की वजह से

एसडीएम गौतम सिंह ने बताया कि इस मामले में जांच करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है, जिस भी विभाग की कमी पाई जाएगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हालांकि अभी शिविर के माध्यम से उसे राशन कार्ड दिलाया गया है. रोजगार के लिए जॉब कार्ड भी दिलाया जाएगा. हैरानी की बात ये है कि मृतक की पत्नी के नाम से अभी 5 दिन पहले ही राशन कार्ड बना कर दिया गया है, लेकिन आज तक उसे राशन नहीं मिल सका है.

बेरोजगारी की वजह से पंडो जनजाति के युवक की जान गयी या बीमारी की वजह से

बता दें कि घर की स्थिति पहले से बिगड़ी हुई थी, शासन की महत्वाकांक्षी योजना राशन जो गरीबों का मौलिक अधिकार है, यह परिवार सरकारी राशन से भी वंचित है. इतना ही नहीं रोजगार गारंटी योजना से कार्ड तक नहीं बना है. गरीब पंडो के किस्त में रोजगार मिला तो केवल सुनहरे सपने दिखाने वाले दलाल ने खून पसीने की कमाई नहीं दी. बदले में पंडो युवा को मौत नसीब हुई.

Related Articles

Back to top button