भिलाई, दुर्ग –
धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी:
पीडब्लूडी विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने वाला मुख्य आरोपी सिद्धार्थ कोरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी और उसके साथियों ने प्रार्थी को फर्जी नियुक्ति पत्र और परिचय पत्र देकर 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी की।
पुलिस कार्रवाई की विस्तृत जानकारी:
पुलिस अधीक्षक दुर्ग, जितेन्द्र शुक्ला के मार्गदर्शन में, अति. पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर तथा नगर पुलिस अधीक्षक सत्यप्रकाश तिवारी ने कूटरचित दस्तावेज धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए दिशा-निर्देश दिए थे।
प्रार्थी का बयान:
प्रार्थी अजय कुमार पटेल ने 9 अप्रैल 2024 को थाना भिलाई भट्ठी में रिपोर्ट दर्ज कराई। प्रार्थी के पिता चिन्तामणी पटेल जो भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत हैं, ने आरोपी रामकुमार कोरी से संपर्क किया। रामकुमार ने उन्हें बताया कि उसका बेटा सिद्धार्थ कोरी पीडब्लूडी विभाग में नौकरी करता है और वह प्रार्थी को नौकरी दिला सकता है, जिसके लिए पैसे देने होंगे।
धोखाधड़ी की प्रक्रिया:
सिद्धार्थ कोरी ने अभिजीत विश्वकर्मा नामक व्यक्ति को पीडब्लूडी विभाग का बड़ा अधिकारी बताकर प्रार्थी के घर में जाकर फर्जी फॉर्म भरवाया। इस प्रक्रिया में प्रार्थी के पिता ने कुल 10 लाख रुपये की मांग पर पहले 5 लाख रुपये का चेक और बाद में नगद 5 लाख रुपये का भुगतान किया।
फर्जी नियुक्ति पत्र:
सिद्धार्थ कोरी और अभिजीत विश्वकर्मा ने प्रार्थी को पीडब्लूडी विभाग का फर्जी नियुक्ति पत्र और परिचय पत्र दिया। जब प्रार्थी ने इसकी जांच की, तो पता चला कि ये दस्तावेज़ फर्जी थे।
आरोपियों की गिरफ्तारी:
प्रकरण में पहले से गिरफ्तार अन्य आरोपियों रामकुमार कोरी और अभिजीत विश्वकर्मा के खिलाफ आवश्यक विधिक कार्रवाई की गई थी। सिद्धार्थ कोरी लगातार गिरफ्तारी के डर से अपना ठिकाना बदल रहा था।
पुलिस को सूचना मिली कि सिद्धार्थ अमलेश्वर क्षेत्र में है, जिसके बाद पुलिस ने दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया। उसने स्वीकार किया कि उसने प्रार्थी से नौकरी लगाने के नाम पर पैसे लिए और फर्जी दस्तावेज दिए।
विशेष योगदान:
इस कार्रवाई में निरीक्षक राजेश साहू, सउनि नागेन्द्र बंछोर, शमित मिश्रा, प्र.आर. 1346 पुरूषोत्तम साहू, आरक्षक विश्वजीत सिंह, हिरेश साहू, अमित सिंह और एसीसीयू टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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