
जिला दुर्ग : छावनी थाना पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में मुख्य आरोपी डॉ. मनमोहन खण्डुजा (पिता: श्री धर्मपाल खण्डुजा, उम्र: 67 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला के निर्देश पर की गई।
मामले का विवरण
धोखाधड़ी के प्रकरण में आरोपी की तलाश के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर और नगर पुलिस अधीक्षक (छावनी) हरीश पाटिल के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी उप निरीक्षक चेतन सिंह चन्द्राकर ने एक टीम का गठन किया। इस टीम में उप निरीक्षक वरूण देवता, महिला प्रधान आरक्षक हेमलता मरकाम, और प्रधान आरक्षक जसपाल सिंह शामिल थे।
17 अक्टूबर 2024 को, थाना छावनी के अपराध क्रमांक 119/2022 (धारा 420, 406, 34 भा.द.वि.) के तहत आरोपी की पतासाजी के लिए पुलिस टीम कलकत्ता, पश्चिम बंगाल गई। यहाँ पुलिस ने थाना भवानीपुर से संपर्क किया और सहयोग प्राप्त कर लगातार 3 दिन तक प्रयास किए।
आरोपी से पूछताछ और गिरफ्तारी
19 अक्टूबर 2024 को, पुलिस टीम ने डॉ. मनमोहन खण्डुजा के लैब में जाकर उनसे पूछताछ की। प्रारंभ में आरोपी ने टालमटोल किया, लेकिन जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने सोनल रूंगटा (पिता: संतोष रूंगटा, उम्र: 42 वर्ष, निवासी: गंजपारा, दुर्ग) के साथ धोखाधड़ी की थी।
धोखाधड़ी का मामला
- जमीन का सौदा: 50000 वर्गफीट की जमीन का सौदा 96 करोड़ रुपये में तय किया गया था।
- बयाना राशि: प्रार्थी सोनल रूंगटा से 19 करोड़ 14 लाख रुपये का बयाना लिया गया था।
- जमीन की बिक्री: डॉ. मनमोहन खण्डुजा ने उक्त जमीन को विपीन कुमार अग्रवाल को बेच दिया था।
आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी के पर्याप्त सबूत पाए जाने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें न्यायिक रिमांड के लिए माननीय न्यायालय दुर्ग में पेश किया गया है।
विशेष भूमिका
इस सफल कार्यवाही में उप निरीक्षक वरूण देवता, महिला प्रधान आरक्षक हेमलता मरकाम, और प्रधान आरक्षक जसपाल सिंह की सराहनीय भूमिका रही है।
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