छत्तीसगढ़दुर्गभिलाई

कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा में गाजरघास जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन…

दुर्ग / कृषि विज्ञान केन्द्र, पाहदा (अ) दुर्ग में 16 अगस्त 2024 को गाजरघास उन्मूलन सप्ताह अंतर्गत गाजरघास जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में केन्द्र की सस्य वैज्ञानिक डॉ. नीतू स्वर्णकार ने बताया कि गाजरघास, जिसे आमतौर पर कांग्रेस घास, चटख चांदनी के नाम से भी जाना जाता है, एक विदेशी खरपतवार है।

भारत में पहली बार 1950 के दशक में दृष्टिगोचर होने के बाद यह विदेशी खरपतवार रेलवे ट्रैक, सड़क किनारे, बंजर भूमि सहित कई स्थानों पर उगता है जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। यह त्वचा और श्वसन तंत्र को जबरदस्त रूप से प्रभावित करती है। इस घास से एलर्जी इतनी खतरनाक होती है कि मनुष्य घातक रूप से अस्थमा से ग्रस्त हो सकते हैं। इसको नष्ट करने का उपाय यह है कि फूल लगने से पहले ही सावधानीपूर्वक हटा दिया जाए। गाजरघास मनुष्य के साथ-साथ पशुओं के लिए भी हानिकारक है।

इसे खाने से दुधारू पशुओं का दूध कड़वा हो जाता है तथा मात्रा भी कम हो जाती है। इसलिए इस खरपतवार को फलने से पहले ही उखाड़ कर जला दिया जाना चाहिए ताकि इसके बीज न बन पावे व न ही फैल पावे। उक्त कार्यक्रम में 29 कृषक व महिला कृषक उपस्थित थे। इस दौरान केन्द्र की मृदा वैज्ञानिक डॉ. ललिता रामटेके तथा उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ. कमल नारायण भी उपस्थित थे।

संपूर्ण खबरों के लिए क्लिक करे

https://jantakikalam.com

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button