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गलती से भी मत करें ये 5 मिस्टेक, रिजेक्ट हो सकता है आपका ITR, रिटर्न फाइल करने से पहले जानें..

इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर (ITR) फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई, 2024 है. एक्सपर्ट कहते हैं कि सिर्फ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना पर्याप्त नहीं है. इनकम टैक्स रिटर्न को सही तरह से फाइल करना जरूरी है, वरना यह रिजेक्ट हो सकता है. आइए जानते हैं ऐसी 5 गलतियों के बारे में, जिनसे यह रिजेक्ट हो सकता है.

1. फॉर्म में गलत जानकारी देना

टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स फॉर्म में कोई गलत जानकारी नहीं देनी चाहिए. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने रिटर्न दाखिल करने वालों से कहा है कि वे खर्चों के लिए फर्जी क्लेम न करें और अपनी कमाई को कम कर नहीं दिखाएं. डिपार्टमेंट ने कहा है कि बढ़ा-चढ़ाकर और फर्जी क्लेम करना दंडनीय अपराध है.

2. फॉर्म 16 और AIS के डेटा में अंतर

आईटीआर फाइल करने से पहले फॉर्म 16 और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) में दी गई जानकारी को ठीक तरह से समझ लेना जरूरी है. इससे आईटीआर में गलत जानकारी जाने की आशंका घट जाएगी. टैक्सपेयर्स को फॉर्म 16 और एआईएस के डेटा को मैच कर लेना चाहिए.

3. डेडलाइन तक फॉर्म सब्मिट नहीं करना

इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख से पहले फॉर्म को सब्मिट करना जरूरी है. किसी वजह से फॉर्म समय पर सब्मिट नहीं होने से उनका रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है.

4. टैक्स कैलकुलेशन में गलती करना

टैक्स लायबिलिटी के कैलकुलेशन में गलती होने पर भी आईटीआर रिजेक्ट होने की आशंक रहती है. ऐसे में आईटीआर भरने से पहले टैक्सपेयर्स को अपनी टैक्स लायबिलिटी का कैलकुलेशन सही तरह से कर लेना चाहिए. दिक्कत आने पर टैक्सपेयर्स को टैक्स एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए.

5. फॉर्म को वेरिफाई नहीं करना

याद रखें कि अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया, लेकिन उसे वेरिफाई नहीं किया तो इसे अमान्य घोषित कर दिया जाएगा. ऐसे में इनकम टैक्स रिटर्न को सब्मिट करने के बाद उसे ई-वेरिफाई (e-verify ITR) करना जरूरी है. आईटीआर को वेरिफाई करने के लिए डेडलाइन तय है. आईटीआर को भरने के बाद 30 दिन के अंदर ई-वेरिफाई करना जरूरी होता है.

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