दुर्ग / जिले में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त और शासकीय विद्यालय में अध्ययनरत् विद्यार्थियों एवं पालकों को सतत् प्रेरित/सहायता प्रदान करने तथा पालक, स्कूल प्रबंधन एवं प्रशासन के मध्य समन्वय कर विद्यार्थियों को उनकी शिक्षा निरंतर रखने में आने-वाले अवरोधों को दूर किये जाने हेतु 82 मेंटॉर अधिकारी नियुक्त कर विद्यालय आबंटित कर दिये गये हैं।
कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशों के अनुसार मेंटॉर अधिकारी स्कूल निरीक्षण प्रारंभ कर दिये हैं। कलेक्टर के निर्देशानुसार मेंटॉर उनको आबंटित विद्यालयों में आर.टी.ई. के अंतर्गत प्रवेश हेतु चयनित विद्यार्थियों का प्रवेश सुनिश्चित कराएंगे।
मेंटॉर आर.टी.ई. अंतर्गत प्रवेशित विद्यार्थियों उनके पालकों से संपर्क में रहेंगे एवं उनको विद्यालय में कोई समस्या आती है तो उसे हल करने की दिशा में कार्य करेंगे। यदि विद्यार्थी विद्यालय में नियमित रूप से उपस्थित नहीं होता है तो पालक एवं विद्यार्थी को प्रेरित कर नियमित उपस्थिति की दिशा में कार्य करेंगे। मेंटॉर पालकों एवं विद्यालय से समन्वय स्थापित कर यह प्रयास करेगा कि विद्यार्थी ड्रॉप आउट ना हो।
मेंटॉर यह भी सुनिश्चित कराएंगे कि शाला के सामान्य विद्यार्थी एवं आर.टी.ई. अंतर्गत प्रवेशित विद्यार्थियों के मध्य शाला प्रबंधन द्वारा किसी भी प्रकार की असमानता का व्यवहार ना किया जा रहा हो। मेंटॉर द्वारा यह भी मॉनिटरिंग की जाएगी कि अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त होने वाली समस्त सुविधाएं विद्यार्थियों को उपलब्ध हो तथा विद्यालय द्वारा अधिनियम के प्रावधानों का किसी भी रूप में उल्लंघन न किया जाए, यदि विद्यालय द्वारा प्रावधानों का उल्लंघन किया जाता है तो मेंटॉर इसकी सूचना कलेक्टर को देंगे।
अधिकारियों द्वारा आज विकास पब्लिक स्कूल खेदामारा, शीतला पब्लिक स्कूल जामुल, न्यू सागर विद्यालय सुपेला भिलाई, मॉडल पब्लिक स्कूल कचान्दुर, एसजीएम पब्लिक स्कूल ननकट्ठी, विद्या शिशु मंदिर रवेली, डीएवी स्कूल हुड़को, पाइनेंसल पब्लिक स्कूल, ओम सांई विद्या भवन स्कूल, सरस्वती शिशु मंदिर कुटेलाभांठा, ज्ञानदीप गारमेंट स्कूल, अलीना पब्लिक स्कूल, ज्ञान ज्योति विद्यालय उरला, सरस्वती ज्ञान मंदिर, नालंदा इंग्लिश मीडियम स्कूल कुरूद, सरस्वती बाल मंदिर दुर्ग, प्रियदर्शिनी स्कूल एवं शारदा स्कूल भिलाई का निरीक्षण किया गया। इस दौरान अधिकारियों ने आर.टी.ई. के तहत स्कूलों में प्रवेशित बच्चों को उपलब्ध सुविधाओं और उपस्थिति एवं विद्या अध्ययन आदि के संबंध में स्कूल प्रबंधन से रू-ब-रू चर्चा कर जानकारियां ली गई।
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