भिलाई: सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के स्टील एजुकेशन सोसाइटी एवं अक्षय पात्र की सहयोगी संस्था ग्रेट इंडिया टैलेंट फाउंडेशन के बीच, इस्पात भवन के कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) के सभागार में एक एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग) साइन किए गए।
रथ यात्रा उत्सव के शुभ अवसर पर कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार एवं मुख्य महाप्रबंधक (टीएसडी एवं सीएसआर) श्री जे वाय सपकाले के सम्मुख इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। भिलाई इस्पात संयंत्र की ओर से महाप्रबंधक (शिक्षा) श्रीमती शिखा दुबे, स्टील एजुकेशन सोसाइटी की सचिव एवं महाप्रबंधक (मानव संसाधन) सुश्री के सुपर्णा तथा अक्षय पात्र एवं ग्रेट इंडिया टैलेंट फाउंडेशन की ओर से रीजनल प्रेसिडेंट (अक्षय पात्र एवं ग्रेट इंडिया टैलेंट फाउंडेशन) स्वामी व्योमपाद दास द्वारा इस एमओयू पर साइन किया गया।
इस अवसर पर, मुख्य महाप्रबंधक (एफ एंड ए) श्री डी एन करन, महाप्रबंधक (सीएसआर) शिवराजन नायर, महाप्रबंधक (ईडी एचआर – सचिवालय) श्री एच शेखर, महाप्रबंधक (जनसम्पर्क विभाग) प्रशांत तिवारी, उप महाप्रबंधक (इंटरनल ऑडिट) सुश्री गगन गोयल, सहायक महाप्रबंधक (ईडी एचआर – सचिवालय) श्री के के साहू, वरिष्ठ प्रबंधक (सीएसआर) सुशील कुमार कामड़े तथा उप प्रबंधक (सीएसआर) श्री के के वर्मा मौजूद रहे। साथ ही बीएसपी शिक्षा विभाग की ओर से उप प्रबंधक (शिक्षा) अशोक सिंह, उप प्रबंधक (शिक्षा) श्रीमती विभा कटियार, प्राचार्या (सेक्टर 10) सुश्री सुमिता सरकार तथा अक्षय पात्र की ओर से स्वामी गोपावृंदा पाल दास, श्रीमती वृंदा अनिल, स्वामी लोकनाथ दास, अनिल विश्वनाथन उपस्थित थे।
सेक्टर 6 एवं सेक्टर 11 खुर्सीपार में स्थित भिलाई इस्पात विकास विद्यालय को भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा प्रारंभ किया गया था। सेक्टर 6 स्थित भिलाई इस्पात विकास विद्यालय को 7 जुलाई 2007 एवं सेक्टर 11 खुर्सीपार में स्थित भिलाई इस्पात विकास विद्यालय को 30 अप्रैल 2011 में प्रारंभ किया गया था। यह दोनों स्कूल कमजोर वर्ग के निर्धन बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम में एक बेहतर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से खोला गया था।
अब इस एमओयू के अनुसार इन स्कूलों के सम्पूर्ण प्रबंधन का कार्य, देशव्यापी संस्था अक्षय पात्र फाउंडेशन की एक सहयोगी संस्था “महान भारत प्रतिभा फाउंडेशन” (ग्रेट इंडिया टैलेंट फाउंडेशन) द्वारा संचालित किया जाएगा। ज्ञात हो कि मान्यता प्राप्त यह संस्था, त्रिपुरा में महान भारत प्रतिभा विद्यालय, काशीराम पारा नाम से एवं बेंगलुरु, हैदराबाद, भुवनेश्वर सहित कई शहरों में भी शिक्षण संस्थानो का संचालन कर रहे हैं, इसलिए इस संस्था को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार ने कहा, किसी समय में अन्न दान को महादान माना जाता था, परंतु मेरे विचार से आज के युग में शिक्षा का दान बहुत ही महत्वपूर्ण और अहम है। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रारम्भ से ही शिक्षा के क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य करते आ रही है तथा आगे इसको और भी बेहतर बनाने में निरंतर प्रयासरत हैं। अक्षय पात्र संगठन एक राष्ट्रव्यापी और बहुत ही व्यवस्थित तरीके से मध्यान भोजन का संचालन करती है।
अक्षय पात्र संस्था के कार्यों को देखते हुए भिलाई इस्पात विकास विद्यालय जैसी शालाओं के संचालन हेतु जिम्मेदारी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा “बीएसपी ने भिलाई इस्पात विकास विद्यालय को बड़े मनोयोग व उम्मीद के साथ प्रारंभ किया गया था तथा ये दोनों शालाएं हमारे संयंत्र के लिए “बच्चे” जैसी है।
जिसे हम पूरे विश्वास के साथ अक्षय पात्र के हाथों में सौंप रहे हैं और हमें उम्मीद है कि आप इसे बेस्ट बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे।” उन्होंने कहा, हम भिलाई की शिक्षा को आज के दौर के अनुकूल बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। हम अपने कार्मिकों एवं कॉन्ट्रैक्ट लेबर के बच्चों के लिए भी अच्छी शिक्षा हेतु श्रेष्ठ दिशा में कार्य कर रहे हैं।
रीजनल प्रेसिडेंट (अक्षय पात्र एवं ग्रेट इंडिया टैलेंट फाउंडेशन) स्वामी व्योमपाद दास ने अपनी संस्था को रेखांकित करते हुए कहा, भिलाई इस्पात संयंत्र के सहयोग से हम यहाँ भिलाई में वर्ष 2007 से अक्षय पात्र का संचालन कर रहे हैं। बीएसपी के साथ इस तरह का एक नोबल कार्य करते हुए हमें 13 साल से अधिक हो चुके हैं। हमारे ईमानदार प्रयासों और अच्छे कार्यों को देखते हुए, सेल जैसे संगठन ने हम पर विश्वास किया और शिक्षा के क्षेत्र में भी हमें एक नई जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इसके लिए हम सेल एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के आभारी हैं।
उन्होंने कहा, हमारी संस्था अंग्रेजी शिक्षा के क्षेत्र में कदम रख चुकी है ताकि हम त्रिपुरा, बेंगलुरु, हैदराबाद और भुवनेश्वर सहित कई और बेंगलुरु सहित कई स्थानों पर अच्छे संस्कारों के साथ-साथ बेहतर शिक्षा देने का प्रयास कर सकें। भिलाई इस्पात विकास विद्यालय को हमने बहुत ही करीब से देखा है, सेल एवं भिलाई इस्पात संयंत्र इन स्कूलों को आज भी बहुत ही अच्छे तरीकों से संचालित कर रहे हैं। हमें जो जिम्मेदारी दी जा रही है वह बेहतर को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए दी जा रही है।
यह कार्य कठिन होने के साथ साथ एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। हम पूरी ईमानदारी के साथ शतप्रतिशत प्रयास करेंगे कि इस जिम्मेदारी को निभाने में हम खरे उतर सकें। इस कार्यक्रम में मुख्य महाप्रबंधक (टीएसडी एवं सीएसआर) श्री जे वाय सपकाले ने कहा, कि हम एक अच्छी शुरुआत करने जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत हम अपने शिक्षण संस्थानों को और भी बेहतर बनाने के लिए अक्षय पात्र जैसे संगठन को जिम्मेदारी सौंप रहे हैं।
प्रारंभ में महाप्रबंधक (सीएसआर) शिवराजन नायर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए इस एग्रीमेंट का विवरण प्रस्तुत किया तथा इसमें शामिल विभिन्न बिंदुओं के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंत में जे वाय सपकाले द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। इस संपूर्ण कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन सीएसआर विभाग द्वारा किया गया।
उल्लेखनीय है कि अक्षय पात्र फाउंडेशन, भारतीय ट्रस्ट अधिनियम 1882 के तहत पंजीकृत एक स्वतंत्र धर्मार्थ ट्रस्ट है। जो देश में स्कूलों में भूख और कुपोषण के व्यापक सामाजिक मुद्दों को हल करने के लिए अपना सहयोग प्रदान करते हैं। अक्षय पात्र फाउंडेशन स्कूलों में बच्चों को स्कूल आने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए हर दिन गर्म, पौष्टिक और स्वादिष्ट मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराते हैं, ताकि भारत में कोई भी बच्चा भूख के कारण शिक्षा से वंचित न रह जाए।
वहीँ अक्षय पात्र फाउंडेशन की सहयोगी संस्था ‘“महान भारत प्रतिभा फाउंडेशन” (जीआईटीएफ) का प्रयास बच्चों की स्वाभाविक प्रवृत्ति को पोषित करने के साथ-साथ समग्र विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है, जिससे वे अपने और अपने परिवार व समुदाय के लिए भविष्य को बेहतर और सुरक्षित कर सकें।
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