छत्तीसगढ़भिलाई

सेल-बीएसपी द्वारा स्थापित पीसीबी अपशिष्ट निपटान सुविधा ने पर्यावरण-अनुकूल तरीके से 82 टन विषैले अपशिष्ट का निपटान किया गया…

भिलाई : अक्टूबर 2023 से सेल-भिलाई द्वारा संचालित पॉली क्लोरो बाय-फिनाइल (पीसीबी) अपशिष्ट निपटान सुविधा के माध्यम में अब तक पुराने ट्रांसफार्मरों से निकले 82 टन से अधिक विषैले अपशिष्ट आॅयल का पर्यावरण-अनुकूल तरीके से निपटान किया गया।

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी), भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूएनआईडीओ) के साथ मिलकर बीएसपी में पॉली क्लोरो बाय-फिनाइल (पीसीबी) और पीसीबी दूषित अपशिष्ट के निपटान के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय परियोजना शुरू की थी। पीसीबी अपशिष्ट को स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (पीओपी) के रूप में घोषित किया गया है।

दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी सुविधाओं में से एक, भिलाई इस्पात संयंत्र में स्थापित इस पीसीबी प्लांट का उद्देश्य वर्तमान में सेल की विभिन्न इकाइयों में उपलब्ध समग्र पीसीबी कचरे का पर्यावरण के अनुकूल तरीके से निपटान करना है। साथ ही भविष्य में यह देश में फैले विभिन्न विद्युत प्रतिष्ठानों में संग्रहीत पीसीबी कचरे के निपटान में भी मदद करेगा।

उल्लेखनीय है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में स्थापित इस सुविधा का स्टैटिक प्रोटोटाइप मॉडल, जोे यूएनआईडीओ और एमओईएफसीसी के साथ संयुक्त पहल के रूप में मई 2023 में जिनेवा में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रदर्शित किया गया था, यहां इसकी काफी सराहना की गई। सम्मेलन का प्रमुख विषय “रसायनों और कचरे के उचित प्रबंधन के लिए त्वरित कार्रवाई का लक्ष्य” ¼Accelerating action: Targets for the sound management of chemicals and waste½ था।

बूथों का दौरा करने वाले विभिन्न देशों, गैर सरकारी संगठनों और औद्योगिक संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों ने भिलाई इस्पात संयंत्र के स्टैटिक प्रोटोटाइप मॉडल में गहरी रुचि दिखाई। इस सुविधा का संचालन बीएसपी की पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी क्षेत्र में प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सम्मेलन में आए प्रतिनिधियों ने देश में पीसीबी कचरे के उचित तरीके से निपटान के लिए इस सुविधा को स्थापित करने में भारत सरकार और सेल-बीएसपी के प्रयासों की सराहना की।

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