छत्तीसगढ़रायपुर

छत्तीसगढ़ को पर्यटन के क्षेत्र में पहचान दिलाने की बृजमोहन अग्रवाल के प्रयासों को केंद्र से मिली मंजूरी…

रायपुर: पूर्व पर्यटन एवं संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री एवं वर्तमान में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के छत्तीसगढ़ को आस्था का केंद्र और धार्मिक पर्यटन के रूप में विश्व में पहचान दिलाने के प्रयासों के बाद केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र जारी किया है।

निदेशक , पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार रोशन एम थॉमस ने पत्र जारी करते हुए जानकारी दी है कि, राजिम में राजीव लोचन कॉरिडोर निर्माण, रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में कन्वेंशन सेंटर निर्माण, सिरपुर स्थित बागेश्वरी मंदिर का जीर्णोद्धार को ‘PRASAD’ योजना के तहत स्वीकृति प्रदान की गई है साथ ही पांच प्रमुख शक्तिपीठों रतनपुर में महामाया, चंद्रपुर में चंद्रहासनी, डोंगरगढ़ में बम्लेश्वरी, दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी देवी और सूरजपुर स्थित कुदरगढ़ मंदिर के विकास और उनको जोड़ने के लिए भी केंद्र से स्वीकृति प्रदान की है।

पत्र के अनुसार मंत्रालय, पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत संरचना के लिए “तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान (प्रशाद)” और “स्वदेश दर्शन” के तहत आर्थिक सहयोग प्रदान करता है। जिसके लिए डोंगरगढ़ स्थित बमलेश्वरी माता मंदिर को पहले ही 48.44 करोड़ रुपए प्रदान किए जा चुके हैं। साथ ही सूरजपुर स्थित कुदरगढ़ मंदिर और जशपुर-कुनकुरी- मैनपाट कमलेशपुर- महेशपुर – कुरदार सरोधादादर -गंगरेल -कोंडागांव नथियानवागांव – जगदलपुर चित्रकोट, तीरथगढ़, के विकास के लिए 96.10 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जाने की जानकारी दी गई है। इसके अलावा स्वदेश दर्शन2.0 के तहत 2 अन्य गंतव्यों को भी चिन्हित किया गया है।

जिसके लिए मंत्रालय द्वारा परियोजना विकास प्रबंधन सलाहकार (PDMC)की चयन प्रक्रिया जारी है। निदेशक, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने राज्य सरकार से पूरा प्रस्ताव और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट मांगी है। साथ ही राज्य में चल रहे कार्यों की वर्तमान स्थिति और प्रगति रिपोर्ट भी मांगी है।

बता दें मंत्री पद पर रहते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने राजिम में राजीव लोचन कॉरिडोर, रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में कन्वेंशन सेंटर, सिरपुर स्थित बागेश्वरी मंदिर का जीर्णोद्धार, शक्ति पीठ परियोजना के तहत पांच प्रमुख शक्तिपीठों के विकास और उनको जोड़ने और सूरजपुर स्थित कुदरगढ़ मंदिर के विकास के साथ ही मैनपाट, चित्रकूट, तीरथगढ़, गंगरेल आदि स्थलों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वहां ज्यादा से ज्यादा विकास करने का छत्तीसगढ़ की जनता से वादा किया था। जिसके बाद विभाग की तरफ से कार्योजना बनाकर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को भेज दी गई थी।

संपूर्ण खबरों के लिए क्लिक करे

https://jantakikalam.com

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button