छत्तीसगढ़भिलाई

सेल स्वीडन में लीडआईटी में हुआ शामिल…

भिलाई: सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न स्टील निर्माता कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) को यह साझा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि हाल ही में उसे लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन (लीडआईटी) के सदस्य के तौर पर शामिल किया गया, जिसकी घोषणा 25 जून, 2024 को स्वीडन के विस्बी में आयोजित ‘एंगेजिंग इंडिया एट अल्मेडालेन’ में की गई।

लीडआईटी को स्वीडन और भारत की सरकारों ने सितंबर 2019 में यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट एक्शन सम्मिट में लॉन्च किया था। “लीडआईटी” विश्व आर्थिक (वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम) मंच से समर्थित है। लीडआईटी उन देशों और दूरदर्शी कंपनियों का गठबंधन है जो पेरिस समझौते और नेट-जीरो ट्रांजिशन को हासिल करने की कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं।

लीडआईटी के सदस्य इस धारणा से सहमत हैं कि अधिक ऊर्जा खपत वाले उद्योग कम कार्बन उत्सर्जन की राह अपनाएं और उन्हें अपनाना भी चाहिए, जिससे 2050 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। लीडआईटी विजन के साथ तालमेल बिठाने के लिए सेल का यह रणनीतिक कदम सेल की क्लाइमेट एक्शन की दिशा में उसकी प्रतिबद्धता को उजागर करता है और कंपनी को जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों के साथ भी जोड़ता है।

लीडआईटी में शामिल होने से सेल को सेक्टोराल एंड इंटरसेक्टोराल लर्निंग उपलब्ध हो सकेगी, नई प्रौद्योगिकियों के बारे में वैल्यूबल इनसाइट्स मिलेगी और इनोवेटिव अवसरों का लाभ भी मिल सकेगा। हाल ही में, इस सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से स्वीडन के दौरे पर रहे सेल अध्यक्ष श्री अमरेंदु प्रकाश एक सत्र के दौरान “संबंध फॉर क्लाइमेट एक्शन” विषय पर अतिथि वक्ता थे।

सेल अध्यक्ष ने कहा, “भारत में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की दिशा में बहुत बड़ा कदम उठाया जा रहा है और भारतीय इस्पात उद्योग को न केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण में बल्कि यह सुनिश्चित करने में भी अग्रणी भूमिका निभानी होगी कि यह टिकाऊ तरीके से किया जाए।

जलवायु परिवर्तन के महत्व और जलवायु परिवर्तन कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता को समझते हुए हम इसे दुनिया के लिए अस्तित्व के प्रश्न के रूप में देखते हैं और हमारा दृढ़ विश्वास है कि विश्व स्तर पर केवल साथ – साथ कार्य करने के तरीके से ही मानवता के सामने आने वाली इस चुनौती का समाधान कर सकता है। हमारी नज़र में लीडआईटी एक बेहतरीन मंच है, जहाँ सरकारें और उद्योग दोनों ही वास्तव में विचारों को साझा करने, विचारों को सामने लाने और इस समस्या को हल करने के लिए सहयोगी नवाचार को तलाश करने के लिए एक साथ आ रहे हैं।”

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