दुर्ग / कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम के द्वारा समस्त निजी अस्पतालो एवं नर्सिंग होम के सदस्यों की आवश्यक बैठक ली गई। इण्डियन मेडिकल एसोसियेशन के सभागार में आयोजित इस बैठक में संक्रमण रोकथाम, बायोमेडिकल वेस्ट निष्पादन, फायर सेफ्टी तथा मासिक एचएमआईएस रिर्पोट के विषय पर स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारियों ने जानकारी दी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम के द्वारा सभी अस्पतालों को समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रमों एवं छ.ग. शासन के कार्यक्रमों की समस्त गाईडलाईन/नियमों का पालन करने की सलाह दी गई। कई निजी चिकित्सालय मासिक एचएमआईएस का रिर्पोट नही दे रहे है जिसके चलते जिले के स्वास्थ्य सूचकांको मंे अपेक्षित वृद्धि परिलक्षित नही हो रही है। डॉ. जे.पी. मेश्राम द्वारा कहा गया कि जिलेे के सभी नागरिकांे को स्वास्थ्य सुविधायेे उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी निजी क्षेत्र की भी है।
इसके लिए उन्हें शासन के द्वारा निर्धारित मापदंड एवं नियमों/गाईडलाइन का पालन करते हुए लोगोें को स्वास्थ्य सुविधायेे उपलब्ध कराया जाना है। जिला आरसीएच नोडल अधिकारी डॉ. अर्चना चौहान ने सभी निजी अस्पतालों/नर्सिंग होम को 128 बिन्दुओें वाली मासिक एचएमआईएस रिर्पोट प्रतिमाह जिले को प्रेषित करने के निर्देश दियेे तथा शासन द्वारा चिकित्सकीय गर्भसमापन (एमटीपी) हेतु मान्यता प्राप्त अस्पतालोें को आनलाईन एवं ऑफलाईन रिर्पोटिंग अनिवार्यतः सुनिश्चित करने कहा गया।
साथ ही सिजेरियन आपरेशन तथा हिस्ट्रेक्टॅामी ऑपरेशन की मासिक रिर्पोटिंग गुगलशीट के माध्यम से अनिवार्यतः किये जाने के निर्देश दिये गये। डिवीजन कंसल्टेन्ट डॉ. कविता चन्द्राकर के द्वारा जानकारी दी गई कि सभी निजी संस्थानो में बीएमडब्ल्यू गाईडलाईन अनुसार जैविक अपशिष्ट पदार्थ निषपादन किया जाना अनिवार्य है।
सभी अस्पतालांेे में कार्यरत स्टाफ की वार्षिक स्वास्थ्य जांच तथा हेपेटाईटिस टीकाकरण किया जाना है। बैठक में जिला नोडल अधिकारी डॉ. आर.के. खण्डेलवाल, आईएमए के वरिष्ठ सदस्य डॉ. आर.एस. नायक, डॉ. एस.एम. कोठारी, डॉ. राजन बोपर्डिकर, डॉ अजय गोवर्धन, डॉ. ए.के. सावत, डॉ. सोल्हा जलतारे, डॉ. संगीता सिन्हा, जिला आरएमसीएचए कंसल्टेंट शोभिका गजपाल, सहित सभी निजी अस्पतालों के संचालकगण उपस्थित थे।
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