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World Brain Tumor Day: आंखों की रोशनी छीन सकता है ब्रेन ट्यूमर! जरा सी भी परेशानी को न करें नजरअंदाज…

ब्रेन ट्यूमर शरीर के कई कामों को प्रभावित कर सकता है और इनमें से सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है अंधापन. ब्रेन ट्यूमर और आंखों की रोशनी कम होने के बीच का लिंक है, यह ट्यूमर के स्थान, प्रकार, आकार और उसके बढ़ने की रफ्तार पर निर्भर करता है. यह समझना बहुत जरूरी है कि ब्रेन ट्यूमर अंधापन का कारण कैसे बनता है और इससे क्या नुकसान हो सकते हैं, ताकि शुरुआत में ही इसका पता लगाया जा सके और सही इलाज किया जा सके.

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल (फरीदाबाद) में न्यूरोसर्जरी के डायरेक्टर डॉ. कमल वर्मा ने बताया कि दिमाग का विजुअल पाथवे एक नेटवर्क है, जो आंखों से शुरू होकर दिमाग के पिछले हिस्से में स्थित ऑक्सिपिटल लोब तक जाता है. ट्यूमर इस पूरे रास्ते को, ऑप्टिक नर्व, ऑप्टिक कायज्म , ऑप्टिक ट्रैक्ट्स और विजुअल कॉर्टेक्स को दबाकर या इनमें फैलकर आंखों की रोशनी कम कर सकता है.

उदाहरण के लिए, ऑप्टिक नर्व ग्लियोमा ऐसे ट्यूमर हैं जो खासतौर पर ऑप्टिक नर्व पर बनते हैं और बढ़ने के साथ धीरे-धीरे आंखों की रोशनी कम करते हैं. इसी तरह, ऑप्टिक चियास्म के पास स्थित पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर इस महत्वपूर्ण जंक्शन को दबा सकते हैं (जहां ऑप्टिक नर्व्स आंशिक रूप से क्रॉस करती हैं) जिससे बाइटेम्पोरल हेमीअनोप्सिया हो सकता है.

लक्षण और संकेत

ब्रेन ट्यूमर के कारण होने वाला अंधापन ट्यूमर के प्रकार और स्थान के आधार पर कई तरह से दिख सकता है. लक्षणों में धुंधला दिखना, दोहरा दिखना (डिप्लोपिया), आंशिक रूप से दिखना या एक या दोनों आंखों में पूरी तरह से अंधापन शामिल हो सकता है. मरीजों को विज़ुअल फील्ड कट्स का भी अनुभव हो सकता है, जहां उनके देखने के क्षेत्र के कुछ हिस्से गायब हो जाते हैं. ये लक्षण अक्सर धीरे-धीरे बढ़ते हैं, लेकिन कभी-कभी अचानक भी हो सकते हैं, खासकर अगर ट्यूमर दिमाग में अचानक दबाव परिवर्तन का कारण बनता है.

इलाज

इलाज का मुख्य लक्ष्य ट्यूमर को हटाना या कम करना है ताकि दृष्टि मार्ग पर दबाव कम हो और आंखों की रोशनी और कम होने से बचाया जा सके. इलाज का तरीका ट्यूमर के प्रकार, आकार, स्थान और मरीज के पूरी सेहत पर निर्भर करता है. अगर ट्यूमर पहुंच के अंदर है और ऑपरेशन किया जा सकता है, तो अक्सर सर्जरी द्वारा ट्यूमर को निकालना ही इलाज का पहला तरीका होता है.

रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी का इस्तेमाल ट्यूमर को सिकोड़ने या घातक मामलों के इलाज के लिए किया जा सकता है. इसके अलावा, कुछ खास तरह के ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए टार्गेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी उम्मीद जगाने वाले नए तरीके के रूप में सामने आ रहे हैं.

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