RBI की मॉनिटरी पॉलिसी का आज होगा ऐलान, क्या इस बार रेपो रेट में होगी कटौती…
रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक 5 जून को शुरू हुई थी. तीन दिन तक बैठक चलने के बाद 7 जून को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास आज यह फैसला लेने वाले हैं कि रेपो रेट में कटौती की जाए या उसे मौजूदा लेवल पर ही रहने दिया जाए. वैसे जानकारों का मानना है कि रिजर्व बैंक इस बार भी पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा. SBI के रिसर्च पेपर के मुताबिक, खुदरा महंगाई दर मई में पांच प्रतिशत के करीब रहने की उम्मीद है और उसके बाद जुलाई में घटकर 3 प्रतिशत रह जाएगी. इसके बाद शायद, यानि अगले MPC बैठक में रिजर्व बैंक रेपो रेट घटा सकता है.
जानकारों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मीटिंग में भी रेपो रेट यानी इंटरेस्ट रेट में किसी भी तरह के बदलाव की उम्मीद नहीं है. ये वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी मीटिंग है. अभी रेपो रेट 6.50 फीसदी पर है. RBI ने इससे पहले अप्रैल में हुई बैठक में भी ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी. RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थी.
हर दो महीने में होती है MPC मीटिंग
RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग हर दो महीने में होती है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास आज हो रही रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में रेपो रेट को पुराने लेवल पर बरकरार रख सकते हैं. यह इस वित्त वर्ष की दूसरी मॉनेटरी पॉलिसी है.
तीसरी तिमाही में रेपो रेट में हो सकती है कटौती
SBI एसबीआई के रिसर्च पेपर के मुताबिक, केंद्रीय बैंक को न्यूट्रल रुख को वापस लेने के अपने फैसले पर बरकरार रहना चाहिए. ‘एमपीसी बैठक की प्रस्तावना’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि आरबीआई मौजूदा वित्ती वर्ष की तीसरी तिमाही में रेपो रेट में कटौती करेगा. ‘यह कटौती कम रहने की संभावना है.’ इसमें यह भी कहा गया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर मई में 5 फीसदी के करीब रहने की उम्मीद है. इसके बाद जुलाई में घटकर 3 फीसदी रह जाएगी.
MPC में कौन-कौन हैं मेंबर
RBI की MPC में छह सदस्य हैं. इसमें बाहरी और RBI अधिकारी दोनों हैं. गवर्नर दास के साथ, RBI के अधिकारी राजीव रंजन, कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं और माइकल देबब्रत पात्रा, डिप्टी गवर्नर हैं. शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा बाहरी सदस्य हैं. बता दें कि RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग हर दो महीने में होती है.
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