दुर्ग / छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में 16 अप्रैल 2024 को आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर लक्ष्मी धर बेहरा ने बीटेक तथा एमटेक, पीएचडी के शोधार्थी छात्र-छात्राओं एवं प्राध्यापक को संबोधित किया। प्रोफेसर डॉक्टर लक्ष्मी धर बेहरा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी छात्र-छात्राओं के जीवन में उनका अध्ययन काल सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है । इस काल में उनके द्वारा की गई मेहनत ही उनके भविष्य का निर्धारण करती है।
इस काल में छात्र-छात्राओं कोअपना ध्यान केवल एवं केवल ज्ञान अर्जन एवं नवीन कौशल के विकास हेतु लगाना चाहिए तथा अपना कुछ नवीन शोध एवं सोच का विकास करने में ध्यान लगाना चाहिए। प्रोफेसर डॉक्टर लक्ष्मी धर बेहरा ने छात्र-छात्राओं को यह भी बताया कि उत्कृष्ट अध्ययन के लिए उन्हें एक नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए। जैसा प्राचीन काल में गुरुकुल में छात्र-छात्राओं के द्वारा किया जाता था । इससे छात्र अपने शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को उत्तम बना सकेंगे ।
जिससे उन्हें छात्र की जीवन में सफलता प्राप्त होगी। आईआईटी मंडी के निदेशक ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें एकेडमिक उत्कृष्टता एवं कौशल के लिए प्रयत्न करना चाहिए ,ना कि धन एवं उत्तम अंक के लिए भागना चाहिए। क्योंकि अकादमिक उत्कृष्ट के पीछे ही उत्तम धन और अंक आता है। प्राप्त जानकारी अनुसार डॉक्टर बेहरा ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय व आईआईटी मंडी के मध्य एमओयू किया गया है।
जिसके अनुसार छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं प्राध्यापक आईआईटी मंडी में स्थित विश्व स्तरीय लाभ एवं शिक्षकों का मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा आईआईटी मंडी छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्रों को 6 माह इंटर्नशिप प्रदान करेगा जिससे छात्र-छात्राओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध एवं तकनीक का ज्ञान प्राप्त होगा।
डॉक्टर लक्ष्मी धर बेहरा ने छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय केएचडी शोधार्थियों एवं शिक्षकों को आईआईटी मंडी के शिक्षकों के साथ संयुक्त रूप से पीएचडी शोध करने के लिए भी आमंत्रित किया। कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर एम के वर्मा समकुलपति डॉक्टर संजय अग्रवाल यूटीडी के निदेशक डॉक्टर पी के घोष एवं सीएसवीटीयू फोरटे के निदेशक डॉक्टर आर एन पटेल तथा एमटेक, पीएचडी के शोधार्थी उपस्थित थे।
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