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किसानों के समर्थन में महाअघाड़ी सरकार का महाराष्ट्र बंद

ट्रेड यूनियन नहीं होंगे शामिल

महाराष्ट्र बंद: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri violence) में पिछले सप्ताह हुई हिंसा की आंच अब महाराष्ट्र (Maharashtra) में भी पहुंच गई है. महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को हिसा और राज्य सरकार के विरोध में सोमवार को बंद (Maharashtra Bandh) का ऐलान किया है. इसके विपरीत राज्य में एक व्यापारिक संघ ने सरकार के बंद के फैसले पर आपत्ति जताई है. ट्रेड यूनियन ने बंद में भाग नहीं लेने का ऐलान किया है.

सरकार के फैसले के बाद रविवार को ट्रेड यूनियन ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच बार बार रुक रुक कर लॉकडाउन से व्यापार पहले ही काफी प्रभावित हुआ है. अब व्यावसाय की गाड़ी धीरे धीरे पटरी पर आ रही है ऐसे में अगर फिर से बंद होता है तो व्यापारियों की कमाई में बहुत अधिक प्रभाव पड़ेगा.

बंद के दौरान सब कुछ बंद रहेगा

बता दें कि शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी राकांपा तीनों ही दलों ने संयुक्त प्रेस कॉंफ्रेंस कर सोमवार को लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में बंद का ऐलान किया. महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार बंद का समर्थन करते हुए कहा कि आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद रहेगा.

राज्य सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने संवादाताओं से कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में मैं महाराष्ट्र के 12 करोड़ लोगों से किसानों का समर्थन करने का अनुरोध करता हूं. उन्होंने कहा कि समर्थन का मतलब है कि आप सभी लोग सरकार के बंद करने के फैसले में शामिल हों और एक दिन के लिए अपना काम बंद कर दें.

व्यापार यूनियन ने नहीं किया समर्थन
सरकार के इस फैसले के बाद फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन या एफआरटीडब्ल्यूए ने कहा कि वह इस बंद का समर्थन नहीं करता. व्यापारी समूह के प्रमुख वीरेन शाह ने कहा कि हम लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा और किसानों की हत्या का विरोध करते हैं. जो लोग इसमें शामिल हैं उन्हें सजा दी जानी चाहिए लेकिन व्यापार यूनियन महाराष्ट्र सरकार के बंद का समर्थन नहीं करता.

 

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