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भिलाई की वैशाली नगर विधानसभा प्रत्याशियों की भीड़ में नए चेहरे की तलाश ताम्रकार समाज से छत्तीसगढ़ के एकमात्र प्रत्याशी ‘दुर्गेश’ भेद सकते हैं वैशाली नगर के ‘दुर्ग’ को…

भिलाई नगर की वैशाली नगर विधानसभा सीट सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए आरंभ से ही चिंता, चिंतन और चुनौती का केंद्र रहा है। वर्ष 2008 में भिलाई नगर और दुर्ग विधानसभा के कुछ हिस्से को तोड़कर वैशाली नगर पृथक विधानसभा बनाया गया था। इसके अंतर्गत शहरी क्षेत्र नेहरू नगर, मॉडल टाउन, स्मृति नगर, वैशाली नगर, राम नगर, शांति नगर, दीक्षित कॉलोनी, सुन्दर नगर, सुपेला व कैंप की सघन बस्ती वाले क्षेत्रों के अतिरिक्त बैकुंठ धाम, हाऊसिंग बोर्ड, कैलाश नगर, राजीव नगर, शास्त्री नगर, खम्हरिया, जुनवानी, कोहका, कुरूद आदि भी शामिल है। आरंभ से ही भाजपा का गढ़ माने जाने वाली इस विधानसभा में हमेशा से भाजपा प्रत्याशी ही जीतते आए हैं। मात्र एक बार ही इसमें कांग्रेस को चमत्कारिक जीत हासिल हुई थी।

वर्ष 2018 में जब भाजपा दुर्ग जिले की सभी सीटें हार गई थी तब भी वैशाली नगर में भाजपा ने इतिहास दोहराते हुए जीत का शानदार परचम लहराया था। दरअसल यहां हर दूसरे घर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता और गली-मोहल्ले में अनेकों हिंदूवादी संगठन, सनातन संस्थाए, मंदिर-देवालय आदि हैं। जातिगत समीकरण के अनुसार भी देखा जाए तो यहां पर साहू, कुर्मी और सतनामी की बजाय उत्तर भारतीयों का प्रतिशत अधिक है। इन सब कारणों से यहां कांग्रेस को बढ़त लेना बहुत चुनौती पूर्ण रहा है। आगामी विधानसभा चुनाव-2023 में कांग्रेस को इस जातिगत समीकरण का बेहतर तरीके से ध्यान रखना होगा।

इस समय वैशाली नगर से लगभग 68 प्रत्याशियों ने विधायकी के लिए ताल ठोकी है किंतु राजनीतिक गलियारे से यह खबर छनकर आ रही है कि इस बार प्रत्याशी चयन में बिल्कुल चौंकाने वाला नाम सामने आ सकता है। एक ऐसा बिल्कुल नया चेहरा, जो कि कांग्रेस की जीत को सुनिश्चित कर सके। प्रथम तीन स्तर की स्क्रूटनी के बाद कुछ नामों को चिन्हित किया गया है। सूत्र बताते हैं कि यह सब नाम नए युवा चेहरों के हैं। फूंक-फूंक कर कदम रख रही कांग्रेस वैसे भी पिछले चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी, दाग़दार छवि वाले प्रत्याशी, कमज़ोर प्रत्याशी, निष्क्रिय प्रत्याशी और ऐन चुनाव के समय वैशाली नगर में घुसपैठ करने वाले प्रत्याशियों से किनारा करने की रणनीति अपना रही है। इस लिहाज़ से यहां ताल ठोक रहे नेताओं में से अधिकांश वैसे भी छंट जाएंगे।

नए चेहरों को इससे निश्चित ही लाभ होगा। विगत लगभग 25 वर्षों से संगठन से जुड़े रहकर बिना किसी स्वार्थ या मांग के अनुशासित कार्यकर्ता की तरह साइलेंटली अपना काम कर रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दुर्गेश ताम्रकार भी इसे अपने लिए एक अवसर की तरह देख रहे हैं। संगठन के अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहने के बावजूद आपकी छवि बेदाग है। पूरे छत्तीसगढ़ से आप एकमात्र ताम्रकार प्रत्याशी हैं। जिसका जातिगत लाभ आपको बेहतर तरीके से मिल सकता है। इसके अतिरिक्त यहां के उत्तर भारतीयों की बड़ी जनसंख्या के साथ लगभग हर जाति, वर्ग और वैशाली नगर की जनता के बीच आप खासे लोकप्रिय भी हैं।

वैशाली नगर विधानसभा के सभी 241 बूथों से आप भलीभांति परिचित हैं और हर बूथ में इनके समर्पित कार्यकर्ता बड़ी संख्या में सक्रिय हैं जिसका लाभ कांग्रेस पार्टी को भाजपा के इस गढ़ को भेदने में मिल सकता है। इसीलिए कांग्रेस के दिग्गज उनके नाम पर गंभीरता पूर्वक विचार कर रहे हैं। दुर्गेश ताम्रकार की दावेदारी वैशाली नगर विधानसभा में इसलिए भी मजबूत है क्योंकि यहां ताम्रकार समाज के लगभग 40,000 वोटर्स निवासरत हैं। यूपी, बिहार के 1,30,000 मतदाताओं के बीच भी आपकी बढ़िया पैठ है। यहां के 2,42,177 वोटर्स में से 1,22,177 पुरुष और 1,20000 महिला वोटर्स हैं।

इनमें बड़ी संख्या में युवा वोटर्स व नए मतदाता शामिल हैं। वर्ष 2018 में भी दुर्गेश ताम्रकार की दावेदारी के लिए नाम उछला था किंतु उस समय आलाकमान द्वारा इन्हें इंतजार करने को कहा गया था। इस बीच वर्ष 1998 से युवा कांग्रेस के वार्ड अध्यक्ष के रूप में दुर्गेश ने कांग्रेस की विचारधारा को वैशाली नगर विधानसभा में फैलाने का कार्य बेहतर ढंग से किया था और ब्लॉक महामंत्री, नगरीय निकाय में ब्लॉक अध्यक्ष आदि अनेक पदों पर रहते हुए कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं को बड़ी सफलतापूर्वक चार्ज किया था। युवाओं के संगठन को बेहतर नेतृत्व देते हुए आप पार्टी के आदेश पर हर मुद्दे पर धरना प्रदर्शन, आंदोलन, घेराव, रैली आदि कार्यक्रम बुथ स्तर पर पूरी क्षमता के साथ संचालित करते रहे हैं।

युवाओं के अतिरिक्त वैशाली नगर विधानसभा के वरिष्ठ मतदाता, महिलाओं, पुरुषों में भी आपकी अच्छी लोकप्रियता है। इनका यह दावा है कि उनकी एक आवाज पर हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ एकत्रित हो जाती है। अब देखना यह है कि कांग्रेस पार्टी क्या सच में इस बार नए चेहरों पर दांव लगाएगी, यदि हां तो छत्तीसगढ़ से ताम्रकार समाज के एकमात्र प्रत्याशी दुर्गेश ताम्रकार को इसका कैसे और किस रूप में और कितना फायदा होगा यह आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल वह अपनी टिकट पक्की होने के लिए बिना किसी दावं-पेंच या गुणा-भाग के पार्टी को मजबूत करने और वैशाली नगर के भाजपागढ़ को ढहा कर कांग्रेसगढ़ बनाने के प्रयास में जी-जान से लगे हैं। उनका यह मानना है कि पार्टी यदि उन्हें टिकट देती है तो वह हर हाल में अपनी जीत सुनिश्चित कर कांग्रेस का मान बढ़ाने में सफल होंगे।

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