दुर्ग / कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने कहा कि विशेष अभियान चलाकर 15 दिनों में सड़कों से आवारा एवं घुमंतू पशुओं को नियंत्रित किया जाए। सभी अधिकारियों को इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ करनेे की बात राजस्व एवं नगरीय निकाय की समीक्षा बैठक में कही। कलेक्टर ने सड़कों में आवारा पशुओं को नियंत्रित करने निगमों द्वारा पशुपालकों पर जुर्माना लेते हुए सख्त से सख्त कार्यवाही करने को कहा। सड़कों से घुमंतू पशुओं को हटाने के लिए प्रभावी तरीके से कार्य करने को कहा। पशुपालन विभाग के अधिकारी को पशुओं पर टेगिंग करने के लिए सभी निकायों में अपने स्टॉफों की ड्यूटी लगाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग के स्टॉफ को घर-घर में सर्वे कराकर पशुओं की टेगिंग कराने को कहा। साथ ही उन्होंने सभी पशुपालकों के मोबाईल नंबर की सूची बनाने को कहा। अधिकारियों ने बताया कि काऊ कैचर के माध्यम से निगम के कर्मचारियों द्वारा लगातार आवारा मवेशियों को पकड़ा जा रहा है। साथ ही मवेशियों को आवारा छोड़ने वाले पालकों पर कार्रवाई भी जा रही है। इस पर कलेक्टर ने काऊ कैचर के माध्यम से पकड़े जाने वाले कर्मचारियों को ट्रेनिंग कराने को कहा, ताकि पशुओं को बिना क्षति के गौठानों में ले जाया जा सके।
कलेक्टर ने दूध व्यवसाय कर रहे पशुपालकों की बैठक करने अधिकारियों को निर्देश दिए, ताकि उन्हें यह बताया जा सके कि अगर बार-बार अपने पशुओं को छोड़ा जाएगा तो उनके ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में नगरीय निकायों के अधिकारियों को स्वयं जाकर निरीक्षण करने को कहा। नगर निगम आयुक्तों को सफाई कर्मचारी जो कचरा एकठ्ठा करने डोर टू डोर जाते हैं उन्हें कचरा एकठ्ठा करने के साथ-साथ घर के मालिकों से पशु संख्या की जानकारी लेने पर जोर दिया।
साथ ही उन्होंने नगरीय गौठानों में पशु चिकित्सकों की व्यवस्था की भी जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित गौठानों की जानकारी ली। ग्रामीण क्षेत्रों में पाए जाने वाले पशुओं की जानकारी लेेते हुए कलेक्टर ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। रोड के किनारे स्थित गौठानों का चिन्हांकन कर गौठानों में पशुओं के लिए चारा, पानी की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। एसडीएम एवं नगर निगम आयुक्तों को डेयरी संचालकों, पशुपालकों, सफाई कर्मचारियों एवं सुपरवाईजरों की बैठक करने को कहा।
राजस्व की समीक्षा
कलेक्टर ने अधिकारियों को सीमांकन के प्रकरणों को राजस्व अधिकारियों एवं गठित समिति के साथ समन्वय बनाकर सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण करने को कहा। सीमांकन होने के उपरांत विधिवत सूचना आवेदक को करने को कहा, ताकि आवेदक को भटकना न पड़े। उन्होंने सीमांकन के निराकृत व अनिराकृत प्रकरणों को प्राथमिकता के साथ साफ्टवेयर में अपडेट करने को कहा। इस दौरान उन्होंने समय सीमा से बाहर विभागीय प्रकरणों के निराकरण में लेटलतीफी करने वाले वाले अधिकारियों को फटकार लगाई और सभी अधिकारियों को अपने दायित्वों का निर्वहन सर्वोच्च प्राथमिकता से करने को कहा। न्यायालय में दर्ज 6 माह से 1 वर्ष तक लंबित प्रकरणों का निराकरण शीघ्र करने को कहा।
कलेक्टर ने सारथी एप के माध्यम से ऑनलाईन प्राप्त हो रहे दर्ज आवेदनों के प्रकरणों की विस्तृत जानकारी ली। सारथी एप एक ऐसा माध्यम है जिसमें जनता घर बैठे ऑनलाईन द्वारा अपनी समस्याओं का निराकरण प्राप्त कर सकते हैं। इसे गूगल प्ले स्टोर से अपने मोबाईल पर डाउनलोड किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सारथी एप के माध्यम से आवेदन के संबंध में दी जाने वाली निराकरण की जानकारी स्पष्ट होनी चाहिए। नोडल अधिकारी को सारथी एप की नियमित मॉनिटरिंग करने को कहा। इस एप का प्रचार प्रचार करने के लिए यूनिपोल में डिस्प्ले करने को कहा, ताकि आमजनता सारथी एप का उपयोग कर सके।
सारथी ऐप इस्तेमाल करने का तरीका
सारथी ऐप को मोबाइल के माध्यम से गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. इस ऐप में मोबाइल नंबर के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करते ही उसे यूजर आईडी और पासवर्ड मिलेगा। आईडी में व्यक्ति लॉगिन कर अपनी समस्या को दिए गए फॉर्मेट में अंकित कर अपने आवेदन को सबमिट करेगा। ऐप के माध्यम से दर्ज की गई शिकायत की आगे की कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित किए गए नोडल अधिकारी के पास पहुंचेगा। नागरिकों की जनसुविधा को ध्यान में रखकर यह जिला स्तरीय ऐप बनाया गया है. गूगल प्ले स्टोर पर यह मोबाइल एप्लीकेशन सारथी नाम से उपलब्ध है।
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