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जिले में पेयजल परिरक्षण अधिनियम शिथिल

दुर्ग / कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने पर्याप्त वर्षा को देखते हुए जिले में लागू पेय जल परिरक्षण अधिनियम 1986 को आगामी आदेश तक शिथिल कर दिया है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है। ज्ञात हो कि जिले में ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 लागू किया गया था। आदेशानुसार दुर्ग जिले को 30 जून 2023 तक जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया था।

सेक्टर अधिकारियों को प्रशिक्षण

दुर्ग / जिले में विधानसभा निर्वाचन की तैयारियां प्रारंभ हो गई है। इसी कड़ी में आज कला मंदिर भिलाई में जिले के विधानसभा क्षेत्र दुर्ग शहर, दुर्ग ग्रामीण, पाटन, अहिवारा, वैशाली नगर, भिलाई नगर एवं बेमेतरा (आंशिक) के लिए नियुक्त सेक्टर अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सेक्टर अधिकारियों को निर्वाचन से संबंधित कार्यों का बोध कराया गया। उन्हें भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विहित निर्देशों की जानकारी दी गई। कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने अधिकारियों को सौंपे गए दायित्वों का निर्वहन पूर्ण जवाबदारी के साथ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है उनका नाम स्पेशल कंडिशन होने पर ही निर्वाचन ड्यूटी से नाम हटाया जाएगा।

विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए व्यवस्थित तरीके से कार्य करना सुनिश्चित करने को कहा। निर्वाचन के कार्यो में छोटी सी लापरवाही से बहुत बड़ी कार्रवाई हो सकती है। निर्वाचन का कार्य देश में सर्वोच्च कामों में से एक माना जाता है। उन्होंने मतदाताओं को शत-प्रतिशत पात्र व्यक्तियों का मतदाता सूची में नाम जोड़ने बीएलओ के साथ-साथ सेक्टर अधिकारियों को भी घर-घर जाकर सर्वे करने को कहा। सेक्टर अधिकारियों को बीएलओ के साथ मिलकर कार्य संपादित करने को कहा। सभी मतदान केन्द्रों में निर्वाचक नामावली में नाम जोड़ना, विलोपित करना एवं त्रुटिसुधार आदि कार्य 31 अगस्त तक प्राथमिकता के साथ करने को कहा।

अधिकारियों को निर्वाचन कार्य के सभी बिन्दुओं का महत्व समझते हुए किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए। सेक्टर अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता लागू होने से लेकर आचार संहिता समाप्त होने तक उनके दायित्वों की जानकारी दी गई। इस दौरान ऐ.डी.एम अरविंद एक्का, उप जिला निर्वाचन अधिकारी बी.के दुबे, संयुक्त कलेक्टर एच.एस. मिरी सहित सभी सेक्टर अधिकारी उपस्थित थे।

गेहूं स्टॉक सत्यापन

दुर्ग / जिले में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता की मानीटरिंग के लिए राज्य शासन के निर्देशानुसार खाद्य विभाग के जांच दल द्वारा जिले के 33 गेहूं व्यापारियों द्वारा धारित गेहूं के स्टाक का सत्यापन किया गया। खाद्य नियंत्रक दीपांकर के अनुसारव्यापारियों की बैठक लेकर गेहूं स्टाक मानीटरिंग पोर्टल में संस्था के व्यापार की स्थिति के अनुसार थोक विक्रेता, फुटकर विक्रेता, बिग चैन रिटेलर तथा प्रसंस्करणकर्ता के रूप में अपनी संस्था का पंजीयन वेब पोर्टल के यू.आर.एल. में अविलंब कराने हेतु समझाईश दी गई। मौके पर 07 व्यापारियों का नया पंजीयन कराया गया। गेहूं व्यापारियों को अवगत कराया गया कि गेहूं के व्यापार के अनुसार गेहूं स्टाक मानीटरिंग पोर्टल में अपनी संस्था का पंजीयन कराना एवं प्रत्येक शुक्रवार को संस्था द्वारा धारित स्टाक का पोर्टल में दर्ज कर घोषित किया जाना अनिवार्य है। गेहूं व्यापारियों एवं उनके संगठन द्वारा उपरोक्तानुसार पंजीयन शीघ्र कराये जाने हेतु अपनी सहमति दी गई।

18 अगस्त 2023 को सद्भावना दिवस

दुर्ग / राज्य शासन द्वारा विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के जन्म दिवस 20 अगस्त को सद्भावना दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया गया है। 19 एवं 20 अगस्त को शासकीय अवकाश होने के कारण 18 अगस्त 2023 को सभी अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा सद्भावना दिवस संबंधी प्रतिज्ञा अपने कार्यालय/कक्ष में शाम 4.30 बजे ली जाएगी।

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के तीसरे चरण की शुरूआत 18 अगस्त से

दुर्ग / छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के तीसरे चरण की शुरूआत 18 अगस्त से विकासखंड व नगरीय क्लस्टर स्तर की प्रतियोगिता से होगी। यह स्पर्धा दूसरे चरण में आयोजित जोन स्तरीय विजेता प्रतिभागियों एवं दलों के मध्य होगी। प्रतियोगिता का समापन 23 अगस्त को होगा। पहले चरण में राजीव युवा मितान क्लब स्तर की प्रतियोगिता 17 जुलाई से 22 जुलाई तक एवं दूसरे चरण में जोन स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन 26 जुलाई से 31 जुलाई तक किया गया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर वर्ष 2022 में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित करने, खेलों के प्रति जागरूकता फैलाने, खिलाड़ियों को अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत की गई। प्रथम छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को अभूतपूर्व लोकप्रियता मिली थी और गांवों से लेकर शहरों तक बूढ़े, बच्चों एवं महिलाओं ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। अभी चल रहे छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को लेकर लोगों में भारी उत्साह है।

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के तीसरे चरण की स्पर्धा में ग्रामीण क्षेत्रों के जोन स्तरीय प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागी एवं दल विकासखंड स्तरीय प्रतियोगिता में एवं नगरीय क्षेत्रों के जोन स्तरीय प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागी एवं दल नगरीय क्लस्टर स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेंगे। नगरीय स्तर की प्रतियोगिता में जिन जिलों में नगर निगम हैं, वहां यह प्रतियोगिता नगर निगम मुख्यालय पर नगरीय क्लस्टर स्तर पर होगी, जो कि विकासखंड स्तर के समतुल्य मानी जाएगी। जिले के सभी नगर पंचायतों तथा नगर पालिका क्षेत्र के जोन स्तर के विजेता सम्मिलित रूप से वर्चुअल नगर निगम क्षेत्र में समाहित मानते हुए किसी उपयुक्त नगरीय निकाय में आयोजित वर्चुअल नगर पालिक निगम में निगम स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेंगे।

राजीव युवा मितान क्लब स्तर, जोन स्तर एवं विकासखंड एवं नगरीय क्लस्टर स्तर पर प्रतियोगिता होने के बाद चौथे चरण में जिला स्तर पर इसका आयोजन 27 अगस्त से 04 सितंबर तक, पांचवे चरण में संभाग स्तर पर 10 सितंबर से 20 सितंबर तक और अंतिम में राज्य स्तर स्पर्धाएं आयोजित होंगी। जिसका आयोजन 25 सितंबर से 27 सितंबर तक होगा।

छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेल प्रतियोगिता दलीय व एकल दो श्रेणी में आयोजित की जा रही है। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में दलीय श्रेणी में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, रस्सी कूद एवं कुश्ती शामिल हैं।

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